शिवाजी का अपमान, कंगना से मुलाकात, ठाकरे से भिड़ंत, कोश्यारी का किन-किन विवादों से रहा नाता

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शिवाजी का अपमान, कंगना से मुलाकात, ठाकरे से भिड़ंत, कोश्यारी का किन-किन विवादों से रहा नाता

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भगत सिंह कोश्यारी बीते कई दिनों से विवादों में थे। अभी हाल ही में कोश्यारी ने कहा था कि शिवाजी पुराने समय के आदर्श हैं और मैं एक नए युग की बात कर रहा हूं। डॉ. अंबेडकर से नितिन गडकरी तक आपको यहां मिल जाएंगे। 


मुंबई (उत्तराखंड पोस्ट) महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। अब झारखंड के गवर्नर रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल होंगे। वहीं, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड के नए गवर्नर पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। 

भगत सिंह कोश्यारी बीते कई दिनों से विवादों में थे। अभी हाल ही में कोश्यारी ने कहा था कि शिवाजी पुराने समय के आदर्श हैं और मैं एक नए युग की बात कर रहा हूं। डॉ. अंबेडकर से नितिन गडकरी तक आपको यहां मिल जाएंगे। 


भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान पर काफी बवाल हुआ। BJP सांसद उदयनराजे भोसले, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रत्यक्ष वंशज हैं, ने कोश्यारी से अपनी टिप्पणी वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रमाता जीजाऊ (मराठा राजा की मां) छत्रपति शिवाजी महाराज की गुरु थीं, फिर भी, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने टिप्पणी की थी कि रामदास महाराज के गुरु थे। ऐसा बयान देकर कोश्यारी ने शिवाजी के अनुयायियों और पूरे महाराष्ट्र की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।'


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कोश्यारी के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं! हम अपने माता-पिता की तुलना में छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति अधिक निष्ठा रखते हैं, क्योंकि उनका जीवन हमारा आदर्श है।' 

भगत सिंह कोश्यारी कई बार विवादों में रह चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी गठबंधन करने में विफल रही थी और उस दौरान राज्यपाल कोश्यारी राष्ट्रपति शासन के पक्ष में थे। खास बात तो ये थी कि उद्धव ठाकरे ने गठबंधन के लिए समय मांगा था और उसके बावजूद कोश्यारी राष्ट्रपति शासन की बात कर रहे थे। 

इसके अलावा, महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने के मुद्दे पर भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और तत्कालीन CM उद्धव ठाकरे के बीच टकराव था। वहीं जिस दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और राज्य सरकार के बीच तनाव था उस समय राज्यपाल ने कंगना को बातचीत के लिए बुलाया था। 

महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्यपाल पर सरकार के काम में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया था। वहीं विधानसभा स्पीकर के चुनाव के मुद्दे पर भी सरकार और राज्यपाल के बीच अनबन हुई थी। फ्लोर टेस्ट को लेकर उद्धव गुट ने राज्यपाल पर हमला बोला था। 

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