शराब घोटाला | तो इन वजहों के चलते मनीष सिसोदिया हो गए गिरफ्तार!

  1. Home
  2. Country

शराब घोटाला | तो इन वजहों के चलते मनीष सिसोदिया हो गए गिरफ्तार!

manish

सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब नीति घोटाला मामले में अरेस्ट कर लिया है। उन्हें आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है।


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब नीति घोटाला मामले में अरेस्ट कर लिया है। उन्हें आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से दिल्ली की सियासत गर्मा गई है। सीबीआई आज उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश कर दो हफ्ते की रिमांड मांग सकती है। सिसोदिया को रद्द की जा चुकी शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में अरेस्ट किया गया है। आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया से पूछताछ और गिरफ्तारी का विरोध किया। सांसद संजय सिंह, मंत्री गोपाल राय समेत 50 कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए। सोमवार को देशभर में हल्ला-बोल की तैयारी है।

रविवार को सीबीआई ने सिसोदिया से करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया के खिलाफ जुटाए गए सबूतों के बारे में उनसे पूछताछ की गई, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर थे। जवाब में टालमटोल कर रहे थे। उन पर निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। सूत्रों ने दावा किया कि उनसे दस्तावेजी, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सबूतों के बारे में पूछताछ की गई।

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने घोटाला मामले में पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत रखे। इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस (Digital Evidence) थे। इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे सके। इतना ही नहीं सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया है। इसमें उनकी मिलीभगत सामने आई है। मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान बेहद अहम है, जिसने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और जीओएम (Group of Ministers) के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे।

ये बात भी सामने आई है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे। इस पर सिसोदिया ये नहीं बता सके कि उन प्रावधानों को कैसे शामिल किया। इतना ही नहीं इस बारे में आबकारी विभाग में हुई चर्चा या फाइलों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं था। ज्यादातर सवालों के जवाब में सिसोदिया ने कहा "मुझे नहीं पता"।

आबकारी विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी के बयान ने ड्राफ्ट को बदलने में सिसोदिया की भूमिका का खुलासा किया है। वहीं, जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि ये प्रावधान व्हाट्सएप पर एक अधिकारी द्वारा प्राप्त किए गए थे।

सिसोदियो की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा कि नई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री व 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ व 6 अन्य लोगों के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया।

डिप्टी सीएम को 19 फरवरी 2023 को जांच में सहयोग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 41-A के तहत नोटिस जारी किया गया था। हालांकि उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा। उनके अनुरोध पर आज फिर नोटिस जारी किया गया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया। इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे

News Hub