7 मई को पीक पर होगी कोरोना की दूसरी लहर, जानिए कब खत्म होगा कोरोना का कहर ?
प्रो. विद्यासागर ने कहा कि इसे समझने के लिए हम औसतन सात दिन का समय लेते हैं, क्योंकि पीड़ितों की संख्या रोजाना घटती-बढ़ती रहती है। नतीजतन, हमें सिर्फ रॉ नंबर्स नहीं देखने चाहिए, बल्कि प्रतिदिन के मामलों के औसत पर भी गौर करना चाहिए। उनका दावा है कि ये नंबर्स मौजूदा सप्ताह के अंत में कम होने शुरू हो जाएंगे।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बीच चिंता बढ़ाने वाली खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है।
उनका कहना है कि जिस तरीके से अभी वायरस का प्रसार हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर जरूर आएगी। उसके लिए हमें अभी से तैयारी रखनी होगी। विजयराघवन ने कहा है कि नया स्ट्रेन भी ओरिजिनल वायरस की तरह ही संक्रमण पैदा कर रहा है। इसमें संक्रमण की नई तरह की क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कारगर हैं।
इस बीच कोविड-19 के मामलों पर भविष्यवाणी करने वाले सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है लिहाजा हेल्थ सेक्टर को इस तारीख के लिए पहले से तैयार रहना होगा।
इंडिया टुडे टीवी को दिए एक इंटरव्यू में प्रो. विद्यासागर ने कहा, यदि आप संपूर्ण रूप से देखें तो हमें लगता है कि इस सप्ताह के आखिर में कोरोना के मामले घटने शुरू हो जाएंगे। कोरोना 7 मई को पीक पर होगा। यहां से कोरोना के मामले घटने शुरू हो जाने चाहिए, लेकिन ये लहर अलग-अलग राज्यों में अलग समय पर चरम पर होगी। संयुक्त रूप से देखें तो कोराना की लहर या तो पीक पर है या इसके बेहद करीब है।
प्रो. विद्यासागर ने कहा कि इसे समझने के लिए हम औसतन सात दिन का समय लेते हैं, क्योंकि पीड़ितों की संख्या रोजाना घटती-बढ़ती रहती है। नतीजतन, हमें सिर्फ रॉ नंबर्स नहीं देखने चाहिए, बल्कि प्रतिदिन के मामलों के औसत पर भी गौर करना चाहिए। उनका दावा है कि ये नंबर्स मौजूदा सप्ताह के अंत में कम होने शुरू हो जाएंगे।
विभिन्न राज्यों की स्थिति के बारे में बात करते हुए प्रो. विद्यासागर ने कहा, अलग-अलग राज्यों में अलग समय पर कोरोना पीक पर होगा और इनके मामलों में कमी देखी जाएगी, जैसा कि महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा, दूसरी लहर की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई। जो राज्य महाराष्ट्र से दूर स्थित हैं, वो बहुत धीरे-धीरे पीक पर आएंगे और उनका डिक्लाइन भी स्लो होगा लेकिन जो राज्य महाराष्ट्र के नजदीक बसे हैं, वहां मामले जल्दी ही पीक पर होंगे और खतरा भी जल्दी ही ढलने लगेगा। प्रो. विद्यासागर ने कहा कि मई के बाद किसी राज्य के पीक पर होने की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत के कुल मामले इस हफ्ते पीक पर होंगे। ज्यादा से ज्यादा अगले 10-15 दिनों में भारत का हर राज्य पीक पर होगा और वहीं से मामले कम होने शुरू हो जाएंगे लेकिन ये उम्मीद बड़े पैमाने पर ही की जा सकती है।
पीक पर आने के बाद कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने में कितना वक्त लगेगा? इस सवाल के जवाब में प्रो. विद्यासागर ने कहा, 'यदि हम पहली और दूसरी लहर के बीच तुलना करें तो हमें पता चलेगा कि पिछली बार इसकी उछाल बहुत धीमी थी। पहली लहर को पीक पर आने में करीब साढ़े तीन महीने लगे थे और ये मामले इतनी ही धीमी गति से नीचे आए थे।
दूसरी लहर पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि 1 अप्रैल को हमारे पास 75,000 मामले थे, लेकिन ठीक एक महीने बाद हमने 4 लाख के आंकड़े को भी पार कर लिया। हमें उम्मीद है कि दूसरी लहर जितनी तेजी से ऊपर आई है, लगभग उसी गति से नीचे भी जाएगी। प्रो. विद्यासागर ने कहा कि मई के आखिर तक भारत में तकरीबन 1.2 लाख मामले प्रतिदिन के हिसाब से होने चाहिए। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि यहां मामले एकदम से शून्य हो जाएंगे।
अशोका यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी के प्रोफेसर गौतम मेनन का अनुमान है कि कोरोना की दूसरी लहर मई के दूसरे सप्ताह यानी इस महीने के मध्य में पीक पर होगी। ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉ. आशीष झा प्रो. विद्यासागर के इस विश्लेषण से इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि कोरोना की लहर जितनी तेजी से ऊपर आई थी, उतनी ही तेजी से नीचे जाएगी।
डॉ. आशीष झा का कहना है कि कोरोना का डिक्लाइन योजनाओं पर निर्भर करता है। अगर आपकी योजानाएं प्रभावशाली हैं तो बढ़ते मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में मामले तेजी से कम होंगे। यदि ऐसा नही है तो कई देशों का अनुभव ये कहता है कि पीक पर होने के बाद धीमी गति से मामले कम होते हैं, जिसमें कुछ महीनों का वक्त भी लग सकता है। डॉ. झा इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है कि बढ़ते मामलों में अचानक से कमी आ जाएगी। हम लंबे समय तक भी पीक पर रह सकते हैं।
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