AIIMS परीक्षा में फेल हुआ छात्र तो कोचिंग सेंटर पर किया मुकदमा, मिले 77 हजार रुपये
हैदराबाद (उत्तराखंड पोस्ट) एम्स में दाखिला लेने के लिए हर साल लाखों छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं और इस मुश्किल परीक्षा को पास करने के लिए छात्र-छात्राएं कोचिंग सेंटर का भी सहारा लेते हैं। कुछ लोगों इस प्रवेश परीक्षा में सफल होते हैं तो बड़ी संख्या में लोगों के हाथ निराशा भी लगती
हैदराबाद (उत्तराखंड पोस्ट) एम्स में दाखिला लेने के लिए हर साल लाखों छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं और इस मुश्किल परीक्षा को पास करने के लिए छात्र-छात्राएं कोचिंग सेंटर का भी सहारा लेते हैं। कुछ लोगों इस प्रवेश परीक्षा में सफल होते हैं तो बड़ी संख्या में लोगों के हाथ निराशा भी लगती है।
कोचिंग सेंटर में तैयारी करने वाले एक छात्र डॉक्टर आर शंकर राव ने एम्स एंट्रेंस परीक्षा में फेल होने पर हैदराबाद के कोचिंग सेंटर पर मुकदमा कर दिया।
डॉक्टर ने दलील दी कि ‘भाटिया मेडिकल इंस्टीट्यूट’ में मेडिकल कोचिंग के लिए दाखिला लेने पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि डॉ देवेश मिश्रा ही उनकी पढ़ाएंगे. लेकिन कोचिंग सेंटर ज्वॉइन करने के बाद शंकर के हाथ निराशा लगी। डॉ देवेश मिश्रा एक पैथोलॉजिस्ट हैं, लेकिन उन्होंने एक भी दिन पूरे कोर्स के दौरान क्लास नहीं ली।
यहीं नहीं शंकर ने आरोप लगाया कि एम्स एंट्रेंस टेस्ट कोर्स में शामिल होने वाले सभी टॉपिक्स को कोचिंग सेंटर ने कोर्स में शामिल नहीं किया था। वह सभी टॉपिक्स को कवर करने में असफल रहे, जिसकी वजह से वह एम्स एंट्रेंस टेस्ट को पास नहीं कर पाया और पैसा, समय दोनों ही बर्बाद हो गए।
दूसरी ओर कोचिंग सेंटर ने दावा किया है कि उनके कोचिंग सेंटर की तकनीकों में कोई गलती नहीं थी, साथ ही उन्होंने कभी भी डॉ देवेश मिश्रा को फैक्लटी मेंबर के तौर पर होने का कोई वादा नहीं किया था। कोचिंग सेंटर ने ये कहते हुए आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने कोर्स में शामिल होने वाले एडिशनल टॉपिक्स को पढ़ाया था।
हालांकि, हैदराबाद कंज्यूमर फोरम 3 ने कहा कि सेंटर शिकायतकर्ता को दिए गए मानकों को प्रस्तुत करने में असफल रहा। यानी सेंटर ने अपने छात्र की जरूरत का ख्याल नहीं रखा. वहीं अपने ऑडर में कंज्यूमर फोरम ने कहा कि कोचिंग सेंटर को अपने किसी भी छात्र को ‘निराश और असंतुष्ट’ नहीं करना चाहिए थे, ये कोचिंग सेंटर की गलती है।
कंज्यूमर फोरम ने कहा है कि इस मुद्दे से संबंधित कोचिंग सेंटर को कई ईमेल लिखे गए थे। वहीं अगर सेंटर चाहता तो आवश्यक राशि काटने के बाद शिकायतकर्ता को वापस कर सकता था। वहीं कोचिंग सेंटर यदि किसी बात का दावा करते हैं तो उसे अपने वादे को पूरा करना चाहिए था।
जिले के कंज्यूमर फोरम ने आर शंकर राव को 45,000 रुपये वापस किए जो उन्होंने कोचिंग की फीस दी थी ,साथ ही नुकसान भरपाई के लिए 32,000 रुपये का मुआवजा दिया गया।
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