देश में कोरोना का खतरा बढ़ा, इन 10 राज्यों में बढ़ेती सख्ती, केंद्र ने दिए निर्देश
बैठक में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से कोरोना संक्रमण पर काबू करने के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की गई। ये 10 राज्य ऐसे हैं, जहां या तो कोरोना के दैनिक मामलों में इजाफा हो रहा था या फिर पॉजिटिविटी रेट में तेजी देखने को मिल रही है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना के मामलों में उछाल और कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने COVID-19 मामलों में उछाल को दिखाते हुए 10 राज्यों में सख्त प्रतिबंधों की सलाह दी है।
केंद्र ने 10 राज्यों में कोविड स्थिति की समीक्षा करते हुए 10% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में भीड़ को रोकने और लोगों के आपस में मिलने से रोकने के लिए सख्त पाबंदियों की सलाह दी है।
आपको बता दें कि बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 41,649 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 3,16,13,993 हो गई है। मौजूदा समय में देश के 10 राज्यों में कोरोना का संक्रमण फिर से फैल रहा है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज केरल समेत 10 राज्यों की कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। स्वास्थ्य सचिव ने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर में कोरोना स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से कोरोना संक्रमण पर काबू करने के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की गई। ये 10 राज्य ऐसे हैं, जहां या तो कोरोना के दैनिक मामलों में इजाफा हो रहा था या फिर पॉजिटिविटी रेट में तेजी देखने को मिल रही है।
बैठक में कोविड कंट्रोल की रणनीति पर चर्चा हुई. समीक्षा बैठक में केंद्र सरकार ने जिन जिलों में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है, वहां सख्त पाबंदियों लगाने के लिए कहा गया है। ऐसे जिलों में लोगों के घुलने-मिलने पर रोक लगाने की सलाह दी गई है। सरकार ने कहा कि अगर इन जिलों में पाबंदी नहीं लगाई गई तो स्थिति पहले से और खराब हो सकती है.
केंद्र सरकार ने कहा, इन 10 राज्यों में सामने आ रहे कोरोना के मामलों में से 80% मामले होम आइसोलेशन के आ रहे हैं। इन राज्यों में जरूरत है कि सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि मोहल्ले, कॉलोनियों या आस-पड़ोस में लोगों के मिलने-जुलने पर रोक लगे। अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय से इलाज मिले।
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