बहुत बड़ी खबर | नक्सली हमले में 22 जवान शहीद, रॉकेट लॉन्चर और LMG से किया था हमला

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 20 और जवानों के शव बरामद किए गए हैं। सूबे के डीजी डीएम अवस्थी ने इस बात की पुष्टि की है। अबतक कुल 22 शव बरामद किए गए हैं। अब भी एक जवान लापता है। कुल 31 जवान घायल हैं।
रायपुर (उत्तराखंड पोस्ट) छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 20 और जवानों के शव बरामद किए गए हैं। सूबे के डीजी डीएम अवस्थी ने इस बात की पुष्टि की है। अबतक कुल 22 शव बरामद किए गए हैं। अब भी एक जवान लापता है। कुल 31 जवान घायल हैं।
बता दें कि सुरक्षाबलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के तहत दो हजार जवानों को रवाना किया गया था। लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 15 नक्सली ढेर हो गए। हमले में 22 जवान शहीद हो गए। वहीं 31 से अधिक घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बताया गया कि नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया। पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और देसी रॉकेट लॉन्चर से करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षाबलों की टुकड़ी पर टूट पड़ा था। घटना के बाद आज सुबह सुरक्षाबल ने जवानों की तलाश में सर्च अभियान शुरू किया है। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है।
बता दें कि बीजापुर-सुकमा जिले का सरहदी इलाका जोनागुड़ा नक्सलियों का मुख्य इलाका है। यहां नक्सलियों की पूरी एक बटालियन और कई प्लाटून हमेशा तैनात रहती हैं। इस पूरे इलाके की कमान महिला नक्सली सुजाता के हाथों में है। माना जा रहा है कि अफसरों को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि जवानों पर नक्सलियों का बड़ा हमला हो सकता है। यही कारण था कि पूरे इलाके में दो हजार से ज्यादा जवानों को उतारा गया था। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी पांच जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिये किया था। तर्रेम थाने से सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस पर जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई।
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