ट्विटर से भागवत समेत RSS नेताओं के Blue Tick क्यों हटे थे ? यहां जानिए
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट (Twitter) से ब्लू टिक (Blue Tick) हटाए जाने के बाद छिड़े विवाद में ट्विटर ने कहा कि अगर अकाउंट अधूरा है या छह महीने तक एक्टिव नहीं रहता है तो नियमों के तहत ब्लू बैज (Twitter Blue Tick) अपने आप हट जाता है।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) शनिवार दिनभर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसस के कुछ वरिष्ठ लोगो के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने का मामला चर्चा में रहा। हालांकि ट्विटर ने इन अकाउंट्स के ब्लू टिक बहाल कर दिए हैं।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट (Twitter) से ब्लू टिक (Blue Tick) हटाए जाने के बाद छिड़े विवाद में ट्विटर ने कहा कि अगर अकाउंट अधूरा है या छह महीने तक एक्टिव नहीं रहता है तो नियमों के तहत ब्लू बैज (Twitter Blue Tick) अपने आप हट जाता है।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट पर ब्लू बैज को शनिवार की सुबह ट्विटर ने हटा दिया था और बाद में इसे बहाल कर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के पर्सनल अकाउंट में भी ब्लू बैज नहीं था और इसे बाद में बहाल कर दिया गया। संघ की कई अन्य प्रमुख हस्तियों जैसे सुरेश जोशी और अरूण कुमार के साथ भी ऐसा ही हुआ।
ट्विटर ने शनिवार को कहा कि इसकी Verification Policy के तहत अगर अकाउंट इन-एक्टिव हो जाता है या अधूरा है तो माइक्रोब्लॉगिंग मंच स्वत: ब्लू बैज को हटा देता है। ट्विटर ने कहा, ‘ब्लू टिक हटना लॉग इन से संबद्ध है। अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए व्यक्ति को छह महीने में कम से कम एक बार लॉग इन करना जरूरी है।
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