केजरीवाल ने इस्‍तीफा नहीं दिया तो क्‍या दिल्‍ली में लगेगा राष्‍ट्रपति शासन ? समझिए

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केजरीवाल ने इस्‍तीफा नहीं दिया तो क्‍या दिल्‍ली में लगेगा राष्‍ट्रपति शासन ? समझिए

Arvind

कानून में एलजी को यह अधिकार है कि वह संवैधानिक मशीनरी टूटने या संवैधानिक तंत्र की विफलता का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 239 AB में एलजी को यह अधिकार दिया गया है।


 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। वह पहले सीएम हैं जिनकी पद पर रहते हुए गिरफ्तारी हुई है।

आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि वह पद पर बने रहेंगे। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा न देने की सूरत में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है। दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है और ऐसे में उपराज्यपाल विनय सक्सेना की भूमिका काफी अहम हो जाती है।

कानून में एलजी को यह अधिकार है कि वह संवैधानिक मशीनरी टूटने या संवैधानिक तंत्र की विफलता का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 239 AB में एलजी को यह अधिकार दिया गया है।

आपको बता दें कि दिल्ली की नई शराब नीति नवंबर 2021 में लागू हो गई थी लेकिन शुरू से ही ये नीति विवादों में रही। बाद में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शराब नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया। इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया।

दिल्ली के इस कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल चौथे बड़े नेता हैं, उनसे पहले पिछले साल 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए थे। पिछले साल ही 4 अक्टूबर को ईडी ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया, फिर इसी महीने 15 मार्च को ईडी ने तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को भी गिरफ्तार कर लिया।

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