दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत, भावुक हुए PM मोदी

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दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत, भावुक हुए PM मोदी

दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत, भावुक हुए PM मोदी


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) शनिवार से पूरे देश में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हो गयी है। पहले दिन देश के तीन लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को खुराक दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों को संबोधित करते हुए टीकाकरण का शुभारंभ किया।

कोरोना वैक्‍सीन के महाभियान की शुरुआत के अपने संबोधन में पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्‍होंने उन लोगों को याद किया जिनकी इस महामारी की वजह से जान चली गई। पीएम मोदी ने देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतेजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी। अब वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। पीएम मोदी ने कहा, आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेक लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मोदी ने कहा, ' इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।'

पीएम मोदी ने कहा, मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा।आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। 

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है।

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