वैज्ञानिकों ने दी अजीबोगरीब चेतावनी- इस दिन सूर्यग्रहण की वजह से बढ़ जाएंगे कार हादसे...

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वैज्ञानिकों ने दी अजीबोगरीब चेतावनी- इस दिन सूर्यग्रहण की वजह से बढ़ जाएंगे कार हादसे...

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पिछली बार 2017 में पूर्ण सूर्यग्रहण हुआ था, जिसे ग्रेट अमेरिकन एक्लिप्स ऑफ 2017 (Great American Eclipse of 2017) कहते हैं। इस दिन कम समय के लिए लेकिन सड़क हादसों में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। वैज्ञानिकों ने उसकी स्टडी करके अपनी रिपोर्ट JAMA Internal Medicine में प्रकाशित कराई है।


 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) 8 अप्रैल 2024 को अमेरिका के बड़े हिस्से में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखने वाला है लेकिन इसे लेकर वैज्ञानिकों ने हैरान करने वाली चेतावनी जारी की है। आमतौर पर ग्रहणों में आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाएं सामने आती हैं लेकिन सड़क हादसों में इजाफे की बात समझ में नहीं आती।

आज तक डॉट इन की खबर के अनुसार पिछली बार 2017 में पूर्ण सूर्यग्रहण हुआ था, जिसे ग्रेट अमेरिकन एक्लिप्स ऑफ 2017 (Great American Eclipse of 2017) कहते हैं। इस दिन कम समय के लिए लेकिन सड़क हादसों में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। वैज्ञानिकों ने उसकी स्टडी करके अपनी रिपोर्ट JAMA Internal Medicine में प्रकाशित कराई है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में मेडिसिन के प्रोफेसर और इस रिपोर्ट के सह-लेखक डॉ. डोनाल्ड रीडेलमीयर ने कहा कि पूर्ण सूर्यग्रहण के एक घंटे के दौरान, दिन में अचानक कम होने वाली रोशनी और फिर अचानक अंधेरा होने से सड़कों पर हादसे नहीं होते हैं. हादसे उसके पहले और बाद के घंटों में होते हैं।

डॉ. रीडेलमीयर ने कहा कि आमतौर पर हादसे सूर्यग्रहण के बाद वाले घंटों में ज्यादा देखने को मिलते हैं। 2017 में सूरज के पाथ ऑफ टोटैलिटी यानी जमीन के जिस हिस्से पर अंधेरा रहता है। यह 113 किलोमीटर चौड़ा था। इस पाथ के मध्य में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा समय तक अंधेरे का सामना करना पड़ा था।

करीब 2 करोड़ अमेरिकी लोगों ने पाथ ऑफ टोटैलिटी को देखा। 8 अप्रैल 2024 को पाथ ऑफ टोटैलिटी ढाई से साढ़े चार मिनट देखने को मिलेगा। यह उनके लोकेशन पर निर्भर करता है, इस बाउंड्री के बाहर के लोगों को पूर्ण सूर्यग्रहण देखने को नहीं मिलेगा।

डॉ. रीडेलमीयर और उनके साथी डॉ. जॉन स्टैपल्स ने 2017 में सूर्य ग्रहण के पहले और बाद के घंटों में हुए हादसों की स्टडी की। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने सूर्य ग्रहण के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद के आंकड़ों को उठाया। पता चला कि सड़क हादसों मे 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रोशनी में अचानक होने वाला बदलाव भी हादसों की वजह बनती है।

2017 में सूर्य ग्रहण के बाद से हर घंटे 10.3 लोग घातक सड़क हादसों में शामिल थे जबकि सूर्य ग्रहण से पहले हर घंटे सिर्फ 7.9 लोग कार हादसे के शिकार हुए यानी सूर्यग्रहण के बाद हर 25 मिनट पर एक सड़क हादसा हो रहा था जबकि हर 95 मिनट में एक एक्सट्रा बेहद घातक कार हादसा हो रहा था।

हादसों की एक बड़ी वजह ये भी थी कि लोग जगह-जगह जमा होकर सूर्य ग्रहण देख रहे थे। इसकी वजह से रास्तों में कहीं-कहीं ट्रैफिक जाम लग रहा था। इस बार लोगों से अपील की गई है कि सूर्यग्रहण के समय अगर उसे देखना है तो सुरक्षित स्थान पर खड़े होकर देखें। कार न चलाएं. सिग्नलों पर ध्यान दें, सीट बेल्ट्स लगाएं।

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