उत्तराखंड | हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने जाना है तो पहले जान लें ये 5 बातें

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उत्तराखंड | हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने जाना है तो पहले जान लें ये 5 बातें

उत्तराखंड | हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने जाना है तो पहले जान लें ये 5 बातें

कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाए 11वें साल में आयोजित होगा। 


हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाए 11वें साल में आयोजित होगा। 

कोरोना काल में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को संपन्न कराना शासन औऱ प्रशासन के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। अधिकारियों का सबसे अधिक ध्यान इस बात पर है कि लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संतों को कुंभ में हिस्सा लेने के बाद कैसे सुरक्षित वापस वापस भेजा जाए।

अगर आप भी कुंभ में स्नान के लिए जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं इसके बारे में-


कोरोना लक्षण दिखने पर एंट्री नहीं- जो लोग सिम्पटोमैटिक हैं यानि जिनमें कोविड-19 महामारी से जुड़े लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें कुंभ मेला क्षेत्र में एंट्री नहीं मिलेगी। उन्हें या तो लौटा दिया जाएगा या फिर महामारी इलाज के लिए बने सेंटर में रेफर कर दिया जाएगा।

निगेटिव रिपोर्ट रखें साथ- महाकुंभ स्नान के लिए आने वाले ऐसे श्रद्धालु जो एक दिन के रात्रि प्रवास (नाइट हाल्ट) के लिए आना चाहते हैं, उनको कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद ही आने की हिदायत है। अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव है तभी वो कुंभ क्षेत्र में आएं. ये रिपोर्ट 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।

मास्क नहीं पहना तो कंपाउंडिंग या समन- मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य है। जो मास्क नहीं पहनेगा उसके खिलाफ कंपाउंडिंग या समन की कार्रवाई भी मेला पुलिस की ओर से अमल में लायी जाएगी। सभी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील भी मेला प्रशासन की ओर से की जा रही है।

ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन- स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल पर करवाना होगा। पोर्टल पर उपलब्ध डेटा से यह पता चल सकेगा कि किस-किस दिन अधिक भीड़ रहेगी। मेला प्रशासन उसी हिसाब से व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देगा। इसके अलावा अगर स्नान के दौरान कोई पॉजिटिव पाया जाएगा तो कांट्रैक्ट ट्रेसिंग को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा।

बच्चों-बुजुर्गों से नहीं आने की अपील- महाकुंभ स्नान में 10 साल से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के नहीं आने के लिए अपील की जा रही है। जिन लोगों में कोमॉर्बिडिटी हैं, और जिनकी इम्युनिटी कंप्रोमाइज्ड है, उन्हें स्नान के दौरान विशेष एहतियात बरतने की हिदायत दी गई हैं। 

लगा सकेंगे सिर्फ तीन डुबकी- कुंभ में स्नान के दौरान घाटों पर मनचाही डुबकियां लगाने की छूट नहीं होगी। श्रद्धालु गंगा तट पर आएं और स्नान कर सकुशल वापस जाएं, इसके लिए घाटों पर उनका कम से कम समय तक रहना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए ‘एक स्नान, तीन डुबकी’का फॉर्मूला भी लागू किया गया है।

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