उत्तराखंड | शांत वादियां और हिमालय की ऊंची चोटियों का करना है दीदार तो यहां आइए

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उत्तराखंड | शांत वादियां और हिमालय की ऊंची चोटियों का करना है दीदार तो यहां आइए

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 मुक्तेश्वर, नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) गर्मियों की छुट्टियों में भीड़ भाड़ से दूर अगर आप शांति और सुकुन की तलाश में हैं तो आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताएंगे जो आपकी इस तलाश को पूरा करने में मदद करेगा।

 

जी हां, देवभूमि में तो वैसे हल जिले में मनमोहक पर्यटन स्थल हैं जो हर साल लाखों पर्यटकों का स्वागत करते हैं लेकिन इनमें कुछ ऐसे पर्यटक स्थल हैं जो अभी तक पर्यटकों की भाड़ से अछूते हैं। ऐसा है एक हिल स्टेशन है नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर।

 

मुक्तेश्वर: एक मनमोहक हिल स्टेशन

मुक्तेश्वर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक बेहद ही शानदार जगह है। ये हिल स्टेशन 2171 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुमाऊं में बसा मुक्तेश्वर सुंदर घाटियों से घिरा हुआ है। फलों के बगीचों एवं देवद्वार के घने जंगलों से घिरा हुए इस स्थान को सन् 1893 में अंग्रेजों ने अनुसंधान एवं शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित किया था, जोकि अब भारतीय पशु अनुसंधान केंद्र (आई.वी.आर.आई.) के रूप में जाना जाता है।  मुक्तेश्वर का नाम शिव के एक 350 साल पुराने मंदिर से मिलता है, जिसे मुक्तेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है। मुक्तेश्वर अपनी एक्टिविटीज के लिए भी जाना जाता है, यहां आप रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग का भी मजा ले सकते हैं। यहां से हिमालय की ऊंची चोटियों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है, जो इसे एक प्रमुख पर्यटक स्थल बनाता है। 

मुक्तेश्वर का ऐतिहासिक महत्व

मुक्तेश्वर में प्राचीन मुक्तेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर करीब 350 साल पुराना है और इसके परिसर से चारों ओर का दृश्य बहुत ही आकर्षक होता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान शिव ने एक राक्षस का वध किया था।

 

मुक्तेश्वर का प्राकृतिक सौंदर्य

मुक्तेश्वर  का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। यहां के हरे-भरे जंगल, शांत वातावरण और स्वच्छ हवा किसी भी पर्यटक का मन मोह लेते हैं। यहां से हिमालय की नंदा देवी, त्रिशूल और पंचाचूली जैसी ऊंची चोटियों का दृश्य साफ नजर आता है। ये दृश्य सूर्योदय और सूर्यास्त के समय और भी मनोहारी हो जाते हैं।

मुक्तेश्वर- चौली की जाली

मुक्तेश्वर मंदिर के ठीक पीछे एक और प्रसिद्ध आकर्षण है, चौली की जाली। आप चाहे प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन, आपको इस जगह से यकीनन प्यार हो जाएगा। चौली की जाली, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग का अनुभव करने के लिए मुक्तेश्वर के लोकप्रिय स्थानों में से एक है, जहां से आपको हिमालय श्रृंखला दिखाई देगी। 

 

मुक्तेश्वर- सीतला

मुक्तेश्वर के पास एक आकर्षक हिल स्टेशन है सीतला, जो अपनी खूबसूरती से प्राकृतिक और ऐतिहासिक जगहों का मिश्रण है। यह क्षेत्र कई औपनिवेशिक शैली के बंगलों से सुसज्जित है, जिसके आसपास आपको हिमालय की शानदार चोटियां दिख जाएंगी। इस विचित्र पहाड़ी शहर की मनमोहक सुंदरता को निहारते हुए आप यहां ट्रैकिंग और बर्ड वाचिंग का भी मजा ले सकते हैं।

मुक्तेश्वर में साहसिक गतिविधियां

मुक्तेश्वर  साहसिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसी गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है। मुक्तेश्वर  से किलबुरी तक की ट्रैकिंग बहुत लोकप्रिय है, जो आपको घने जंगलों और विविध वनस्पतियों और जीवों के बीच से ले जाती है।

मुक्तेश्वर की स्थानीय संस्कृति

मुक्तेश्वर की स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली भी देखने लायक है। स्थानीय लोग बेहद मेहमाननवाज और दोस्ताना होते हैं। यहां की स्थानीय दुकानें और बाजार भी घूमने लायक हैं, जहां से आप स्थानीय हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र और अन्य स्मृति चिह्न खरीद सकते हैं।

मुक्तेश्वर में यात्रा की सलाह

मुक्तेश्वर यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुखद होता है और आप सभी पर्यटन स्थलों का आनंद ले सकते हैं। मुक्तेश्वर नैनीताल से लगभग 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए काठगोदाम रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो मुक्तेश्वर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है।

मुक्तेश्वर अपने प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के कारण एक अद्वितीय पर्यटन स्थल है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और शांति की तलाश में हैं, तो मुक्तेश्वर आपके लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है। यहां की यात्रा न केवल आपको एक नए अनुभव से भर देगी, बल्कि आपको आत्मिक शांति भी प्रदान करेगी। तो फिर आप कब आ रहे हैं मुक्तेश्वर।

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