उत्तराखंड | न पर्यटकों की भीड़ न शोर-शराबा, सुकून की तलाश है तो यहां आइए

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उत्तराखंड | न पर्यटकों की भीड़ न शोर-शराबा, सुकून की तलाश है तो यहां आइए

lansdowne


 

लैंसडाउन (उत्तराखंड पोस्ट) अगर गर्मियों की छुट्टी में आप घूमने का प्लॉन कर रहे हैं और ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां आपको प्राकृतिक सौदर्य के साथ सुकून भी मिले तो आज हम आपको ऐसी ही एक जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन हो सकता है।


उत्तराखंड में तो वैसे कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों से गुलजार रहते हैं लेकिन देवभूमि के पौड़ी जिले में स्थित लैंसडाउन एक ऐसा प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो अपने शांत वातावरण, हरे-भरे जंगलों और औपनिवेशिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यहां आपको पर्यटकों की भीड़ नहीं मिलेगी और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और वातावरण आपको अपना दीवाना बना देगा। आईए जावते हैं लैंसडाऊन के बारे में-

लैंसडाउन का इतिहास और नामकरण

लैंसडाउन का नाम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर रखा गया था। 1887 में इसकी स्थापना ब्रिटिश काल के दौरान एक सैन्य छावनी के रूप में की गई थी। आज भी यहाँ गढ़वाल राइफल्स की ट्रेनिंग अकादमी है, जो भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

लैंसडाउन में प्रमुख आकर्षण स्थल

टिप इन टॉप: यह स्थल लैंसडाउन के उच्चतम बिंदुओं में से एक है, जहाँ से हिमालय पर्वतमाला का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।

भुल्ला ताल: यह एक छोटा, सुंदर झील है, जिसे गढ़वाल राइफल्स द्वारा निर्मित किया गया है। यहाँ बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है।

सेंट मैरी चर्च: 1895 में निर्मित, यह चर्च औपनिवेशिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहाँ एक संग्रहालय भी है, जो लैंसडाउन के इतिहास को दर्शाता है।

गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल वॉर मेमोरियल: 1923 में स्थापित, यह स्मारक भारतीय सेना के वीर सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को समर्पित है।

दरवान सिंह संग्रहालय: यह संग्रहालय गढ़वाल राइफल्स के इतिहास और शौर्य को प्रदर्शित करता है। यहाँ विभिन्न सैन्य उपकरण, वर्दी और मेडल्स देखे जा सकते हैं।


प्राकृतिक सौंदर्य मन मोह लेगा

लैंसडाउन हरे-भरे जंगलों, देवदार और ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है। यह स्थल ट्रेकिंग और बर्ड वॉचिंग के लिए भी लोकप्रिय है। यहाँ का मौसम वर्षभर सुहावना रहता है, जो इसे गर्मियों में एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है।


लैंसडाउन तक कैसे पहुंचे ?

लैंसडाउन सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन कोटद्वार है, जो यहाँ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देहरादून और हरिद्वार से भी लैंसडाउन के लिए बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। आप दिल्ली से भी कोटद्वार के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं और फिर बस या टैक्सी से लैंसडाउन पहुंच सकते हैं।

लैंसडाउन मं ठहरने की व्यवस्था

लैंसडाउन में विभिन्न होटलों, रिसॉर्ट्स और गेस्ट हाउसों की अच्छी व्यवस्था है, जो बजट और लक्जरी दोनों प्रकार के यात्रियों के लिए उपयुक्त हैं। यहां पर कुमाऊं मंडल विकास निगम का टूरिस्ट रेस्ट हाउस रुकने के लिए सबसे लोकेशन और बजट के हिसाब से सबसे मुफीद है। इसके लिए आप GMVN की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं।


लैंसडाउन एक शांतिपूर्ण और सुरम्य स्थल है, जो पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा अनुभव प्रदान करता है। अगर आप भीड़-भाड़ से दूर एक शांतिपूर्ण अवकाश की तलाश में हैं, तो लैंसडाउन आपके लिए एक आदर्श गंतव्य हो सकता है। तो इस बार की छुट्टी लैंसडाउन में बिताइए, यकीनन ये आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित होगा।

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