देवबन्द से फतवा जारी,’भारत माता की जय’ बोलने की इज़ाज़त नहीं

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देवबन्द से फतवा जारी,’भारत माता की जय’ बोलने की इज़ाज़त नहीं

इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने गुरुवार को फतवा जारी करते हुए कहा कि कोई भी मुसलमान भारत माता की जय न बोले. फतवे के मुताबिक मुस्लिमों के लिए भारत माता की जय बोलना उचित नहीं है क्योंकि यह वतन उनके लिए माबूद (भगवन) नहीं है. मुफ्ती-ए-कराम ने कहा- ”भारत हमारा वतन है और


देवबन्द से फतवा जारी,’भारत माता की जय’ बोलने की इज़ाज़त नहींइस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने गुरुवार को फतवा जारी करते हुए कहा कि कोई भी मुसलमान भारत माता की जय न बोले. फतवे के मुताबिक मुस्लिमों के लिए भारत माता की जय बोलना उचित नहीं है क्योंकि यह वतन उनके लिए माबूद (भगवन) नहीं है. मुफ्ती-ए-कराम ने कहा- ”भारत हमारा वतन है और हमारे पूर्वज यहीं पैदा हुए हैं. हम औरों की तरह ही मुल्क से प्यार और मोहब्बत करते हैं, लेकिन वतन को अपना माबूद नहीं मान सकते, यानी कि मुल्क की पूजा नहीं कर सकते.”

दारूल उलूम के मुताबिक ओविसी द्वारा दिए गए बयान के बाद उनके पास हजारों की तादाद में आई चिट्ठियों में लोगों ने इस बाबत सवाल पूछा था. जिसके बाद दो दिन पूर्व दारुल इफ्ता में हुई आठ सदस्यीय मुफ्तियों की खंडपीठ की बैठक में इस सवाल पर मंथन किया गया.

हवाला नंबर 545 (ब) में मुफ्तियों ने जवाब दिया कि कई वर्ष पूर्व वंदेमातरम का मसला उठा था. इस गीत को स्कूलों में हिंदू-मुस्लिम सबके लिए पढ़ना लाजिम किया गया था. अब भारत माता की जय का नारा हर मुसलमान के लिए लाजिम किया जा रहा है.
दारुल उलूम के मुफ्ती-ए-कराम के पैनल में शामिल मुफ्ती-ए-आजम मौलाना मुफ्ती हबीबुर्रहमान, मुफ्ती महमूद उल हसन बुलंदशहरी और मुफ्ती वकार समेत अन्य मुफ्ती-ए-कराम ने कहा कि अगर ‘भारत माता की जय’ को स्कूलों में मुस्लिम बच्चों को नारे लगाने के लिए लागू किया जा रहा है, तो मुसलमानों को इस नारे से खुद को अलग कर लेना चाहिए.
फतवे में साफ कहा गया है कि मुसलमान एक खुदा में यकीन रखने वाला है और खुदा के सिवा किसी दूसरे की पूजा नहीं कर सकता. जबकि, इस नारे में हिंदुस्तान को देवी की तरह समझा गया है, जो कि इस्लाम मजहब को मानने वालों के लिए शिर्क है मतलब अल्लाह के सिवा वे किसी और की इबादत नहीं कर सकते. फतवे में दो टूक कहा गया है कि देश का कानून हर किसी को अपने मजहब के मुताबिक इबादत करने की छूट देता है, लिहाजा इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता.
गौरतलब है कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था स्कूलों में बच्चों को भारत माता की जय बोलना सिखाना चाहिए. जिसके बाद ओवैसी ने महाराष्ट्र की एक जनसभा में कहा था कि अगर कोई उनके गले पर छुरी भी रख दे तो वे भारत माता की जय नहीं बोलेंगे.

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