दशहरा विशेष | जानिए राम के देश में कहां होती है रावण की पूजा ?

  1. Home
  2. Religion

दशहरा विशेष | जानिए राम के देश में कहां होती है रावण की पूजा ?

देहरादून (शालिनी तिवारी) [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाले विजयादशमी पर्व पर लोग भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं, लेकिन ब्राह्मण कुल में जन्मे रावण को कई लोग अपना पूजनीय मानते हैं और उसकी सेवा करते हैं। रावण भगवान शिव का परमभक्त, विद्वान और पराक्रमी योद्धा था, रावण के इन्हीं


देहरादून (शालिनी तिवारी) [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाले विजयादशमी पर्व पर लोग भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं, लेकिन ब्राह्मण कुल में जन्मे रावण को कई लोग अपना पूजनीय मानते हैं और उसकी सेवा करते हैं।

रावण भगवान शिव का परमभक्त, विद्वान और पराक्रमी योद्धा था, रावण के इन्हीं गुणों की वजह से उसके भक्तों ने भारत में उसके कई मंदिर बनाए हैं।

जानिए रावण के ऐसे ही मंदिरों के बारे में-

मध्यप्रदेश | मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में एक गांव है, जहां राक्षसराज रावण का मंदिर बना हुआ है। यहां रावण की पूजा होती है। यह रावण का मध्यप्रदेश में पहला मंदिर था। मध्यप्रदेश के ही मंदसौर जिले में भी रावण की पूजा की जाती है। मंदसौर नगर के खानपुरा क्षेत्र में रावण रूण्डी नाम के स्थान पर रावण की विशाल मूर्ति है। कथाओं के अनुसार, रावण दशपुर (मंदसौर) का दामाद था। रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी मंदसौर की निवासी थीं। मंदोदरी के कारण ही दशपुर का नाम मंदसौर माना जाता है।

महाराष्ट्र महाराष्ट्र के ही आदिवासी बहुल मेलघाट (अमरावती जिला) और धरोरा (गढचिरौली जिला) के कुछ गांवों में रावण और उसके पुत्र मेघनाद की पूजा की जाती है। यह परंपरा विशेष तौर पर कोर्कू और गोंड आदिवासियों में प्रचलित है, जो रावण को विद्वान व्यक्ति मानते हैं और पीढियों से रावण की पूजा करने की इस परंपरा का पालन कर रहे हैं। हर साल होली के समय यह समुदाय रावण पुत्र मेघनाद की पूजा करते हैं।

 

उत्तरप्रदेश | उत्तरप्रदेश के प्रसिद्ध शहर कानपुर में रावण एक बहुत ही प्रसिद्ध दशानन मंदिर है। कानपुर के शिवाला इलाके के दशानन मंदिर में शक्ति के प्रतीक के रूप में रावण की पूजा होती है तथा श्रद्धालु तेल के दिए जलाकर रावण से अपनी मन्नतें पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1890 किया गया था। रावण के इस मंदिर के साल के केवल एक बार दशहरे के दिन ही खोले जाते हैं। परंपरा के अनुसार, दशहरे पर सुबह मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं। फिर रावण की प्रतिमा का साज श्रृंगार कर, आरती की जाती है। दशहरे पर रावण के दर्शन के लिए इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है और शाम को मंदिर के दरवाजे एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं।

हिमाचल प्रदेश | हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शिवनगरी के नाम से मशहूर बैजनाथ कस्बा है। यहां के लोग रावण का पुतला जलाना महापाप मानते है। यहां पर रावण की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि यहां रावण ने कुछ साल बैजनाथ में भगवान शिव की तपस्या कर मोक्ष का वरदान प्राप्त किया था।

कर्नाटक | कोलार जिले में लोग फसल महोत्सव के दौरान रावण की पूजा करते हैं और इस मौके पर जुलूस भी निकाला जाता है। ये लोग रावण की पूजा इसलिए करते हैं क्योंकि वह भगवान शिव का परम भक्त था। लंकेश्वर महोत्सव में भगवान शिव के साथ रावण की प्रतिमा भी जुलूस में निकाली जाती है। इसी राज्य के मंडया जिले के मालवल्ली तहसील में रावण का एक मंदिर भी है।

राजस्थान | जोधपुर जिले के मन्दोदरी नाम के क्षेत्र को रावण और मन्दोदरी का विवाह स्थल माना जाता है। जोधपुर में रावण और मन्दोदरी के विवाह स्थल पर आज भी रावण की चवरी नामक एक छतरी मौजूद है। शहर के चांदपोल क्षेत्र में रावण का मंदिर बनाया गया है।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे