नवरात्रि | सिद्धिदात्री की पूजा से यश, बल और धन की होती है प्राप्ति
नवरात्र के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र में पूजी जानेवाली ये अंतिम देवी है अर्थात मां दुर्गा की नवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहते हैं। सिद्धिदात्री देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। देवी के इस अंतिम रूप को नवदुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ व मोक्ष देने वाली
नवरात्र के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र में पूजी जानेवाली ये अंतिम देवी है अर्थात मां दुर्गा की नवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहते हैं।
सिद्धिदात्री देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। देवी के इस अंतिम रूप को नवदुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ व मोक्ष देने वाली दुर्गा माना गया है। ये देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान, कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा और सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं।
सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्र के नौवें दिन करने से यश, बल और धन की प्राप्ति होती है। सिद्धिदात्री देवी अपने सभी भक्तों को महाविद्याओं की अष्ट सिद्धियां प्रदान करती हैं। मां भक्तों के हर मांग को पूरा करती है। साधक साधन क्रम मे जो भी मां से मांगता है मां से पूरा करती है। । देवी सिद्धिदात्री मां सरस्वती का भी स्वरूप हैं, जो श्वेत वस्त्रालंकार से युक्त महाज्ञान और मधुर स्वर से अपने भक्तों को सम्मोहित करती हैं।
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