‘सभी मंदिरों में महिलाओं का जाना सुनिश्चित करे सरकार’
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वो मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सक्रिय कदम उठाए। कोर्ट ने इसे महिलाओं का मौलिक अधिकार बताते हुए कहा है कि सरकार मंदिरों में महिलाओं का जाना सुनिश्चचित करे। मुख्य न्यायधीश डीएच वाघेला और न्यायधीश एम एस सोनक की पीठ ने कहा है कि आखिरकार यह
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वो मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सक्रिय कदम उठाए। कोर्ट ने इसे महिलाओं का मौलिक अधिकार बताते हुए कहा है कि सरकार मंदिरों में महिलाओं का जाना सुनिश्चचित करे। मुख्य न्यायधीश डीएच वाघेला और न्यायधीश एम एस सोनक की पीठ ने कहा है कि आखिरकार यह एक महिला का मौलिक अधिकार है और सरकार का दायित्व है कि उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करे।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे एडवोकेट जनरल रोहित देव ने कोर्ट से कहा है कि सरकार लिंग भेद के खिलाफ है वो संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 को ध्यान में रखेगी। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश संबंधी मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में अपना पक्ष रखा था।
सरकार ने कोर्ट में कहा था कि महिलाओं को पूजा करने से रोकना गलता है। इससे पहले कोर्ट शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के पूजा और प्रवेश पर रोक के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सरकार ने कहा है कि स्त्री पुरुष में भेदभाव गलत है और जहां पुरुष जा सकते हैं वहां महिलाएं भी जा सकती है। सरकार ने इससे संबंधित सर्कुलर भी जारी करेगी।
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