भारतीय सेना के वीर जवानों की शौर्य गाथा

Shaurya Gatha

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देश पर कुर्बान होने वालों में उत्तराखंडी के वीरों का कोई सानी नहीं है। देश के प्रति वफादारी और बलिदान उत्तराखण्ड की माटी में कुछ इस कदर घुला है कि चाहे जंग का कोई भी मोर्चा क्यों न हो, वीरभूमि के रणब

Fri,26 Jul 2024

कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले जवानों में शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह भी शामिल थे, जिन्हें मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। राष्ट्रपति मुर्मू से इस सम्मान को लेने के लिए उनकी विधवा पत्नी स्मृति सिंह

Sat,6 Jul 2024

देश के वीर जवानों ने युद्ध के दौरान अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया था। शौर्य गाथा में हम बात करेंगे कारगिल के शेर कैप्टन विक्रम बत्रा की जिन्हें उनके पराक्रम और शौर्य के लिए मरणोपरांत देश के

Wed,26 Jul 2023

पालमपुर निवासी जी.एल. बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर 9 सितंबर, 1974 को दो बेटियों के बाद दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। माता कमलकांता की श्रीरामचरितमानस में गहरी श्रद्धा थी तो उन्होंने दोनों का नाम लव

Fri,9 Sep 2022

कुछ साल पहले इंडियन आर्मी में ऑफिसर बनने के लिए तैयारी कर रहे छात्रों को उन्होंने अपना व्यक्तिगत अनुभव बताया था। सीडीएस रावत ने उस घटना का जिक्र किया था, जब वो युवा थे और भारतीय सेना में अफसर बनने के

Wed,8 Dec 2021

शौर्य गाथा में हम बात करेंगे कारगिल के शेर कैप्टन विक्रम बत्रा की जिन्हें उनके पराक्रम और शौर्य के लिए मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया।

Thu,9 Sep 2021

जिस चौकी पर जसवंत सिंह ने आखिरी लड़ाई लड़ी थी उसका नाम अब जसवंतगढ़ रख दिया गया है और वहां उनकी याद में एक मंदिर बनाया गया है। मंदिर में उनसे जुड़ीं चीजों को आज भी सुरक्षित रखा गया है। पांच सैनिकों को

Thu,19 Aug 2021

आज पूरा देश 22वां विजय दिवस मना रहा है और अपने वीर सपूतों को नम आंखों से याद कर रहा है। 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे करके अपनी विजय पताका लहराई थी।

Mon,26 Jul 2021

आज पूरा देश 22वां विजय दिवस मना रहा है और अपने वीर सपूतों को नम आंखों से याद कर रहा है। 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे करके अपनी विजय पताका लहराई थी।

Mon,26 Jul 2021

मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व वाली 13 कुमाऊं की भारतीय सैन्य टुकड़ी में मात्र 120 जवान थे जबकि दूसरी तरफ दुश्मन की विशाल फौज। ऊपर से बीच में एक चोटी दीवार की तरह खड़ी थी जिसकी वजह से हमारे सैनिकों की मद

Wed,2 Dec 2020