अगले सप्ताह होने वाला है कई ग्रहों में फेरबदल, जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे

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अगले सप्ताह होने वाला है कई ग्रहों में फेरबदल, जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे

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ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों की स्थिति का असर हमारी कुंडली में हमेशा बना रहता है। यदि आप पर ग्रह-नक्षत्रों की बुरी दशा चल रही है या आप कई महीनों से आप समस्याओं से घिरे हुए हैं, एक के बाद एक संकट आते रहते हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना काफी जरूरी हो जाता है।


भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र को एक गणितीय शास्त्र के रूप में भी जाना जाता है। इसमें की जाने वाली गणनाओं की मदद से ही ग्रहों के परिवर्तन, उनकी चाल आदि कई चीजों के बारे में पता चलने के साथ ही इनके आप पर होने वाले प्रभावों की गणना भी की जाती है। यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है कि ग्रह और नक्षत्रों का हमारे जीवन में बहुत असर होता है।

ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहों की स्थिति का असर हमारी कुंडली में हमेशा बना रहता है। यदि आप पर ग्रह-नक्षत्रों की बुरी दशा चल रही है या आप कई महीनों से आप समस्याओं से घिरे हुए हैं, एक के बाद एक संकट आते रहते हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना काफी जरूरी हो जाता है। उनके द्वारा बताए गए उपाय करने से ढेरों फायदे हो सकते हैं, साथ ही जीवन में आ रही समस्याओं से निजात पाई जा सकता है।

एक ऐसी ही जानी-मानी एस्ट्रोलॉजर हैं कामिनी खन्ना, जो देश के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कू ऐप के माध्यम से कई लोगों को फायदा पहुँचा रही हैं। वे अपनी कू पोस्ट में कहती हैं:

जय जीवदानी🕉️🌅🌻इस सप्ताह सभी ग्रहों के साथ। शुक्र बहुत फायदा देंगे🌻14,  15, तारीख को शनि चंद्र विषयोग🌻बता रही है कामिनी खन्ना

सावधान रहिए🌻
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दरअसल कामिनी खन्ना फिलहाल गृह-नक्षत्रों में हो रहे बदलाव से यूज़र्स को रूबरू करा रही हैं, जिसके बारे में गहराई से जानकारी देने के लिए उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

कामिनी के अनुसार 10 से लेकर 17 जुलाई 2022 के बीच ग्रहों में काफी फेरबदल होने वाला है। पिछले हफ्ते में भी ग्रहों की ऐसी चाल देखी गई, जिसमें सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर चुका है, बुध अस्त हो चुका है और मिथुन में जा चुका है। अब शुक्र मिथुन में जाने को है। 16 जुलाई को बुध और सूर्य कर्क में चले जाएँगे।

क्या होगा ग्रहों के बदलने से? इस बात की जानकारी आपको वीडियो देखने के बाद मिल सकेगी।

ज्योतिष शास्त्र में जिन नक्षत्रों का जिक्र किया गया है। वे सभी नक्षत्र जितने महत्वपूर्ण हैं, उतने ही वैयक्तिक जीवन पर भी असर डालते हैं। माना जाता है कि नक्षत्र और राशि के अनुसार मनुष्य का स्वभाव, गुण-धर्म, जीवन शैली जन्म नक्षत्र से जुड़ी हुई होती है। यह सच है कि जिस नक्षत्र में इंसान जन्म लेता है, वह नक्षत्र उसके स्वभाव और आगामी जीवन पर अपना असर जरूर छोड़ता है।

दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ हैं नक्षत्र
भारतीय वैदिक ज्योतिष की गणनाओं में महत्वपूर्ण माने जाने वाले 27 नक्षत्रों का जिक्र है। पुराणों में इन्हें दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ बताया गया है। इनका विवाह सोम देव अर्थात चंद्रमा के साथ हुआ था। चंद्रमा को इन सभी रानियों में सबसे प्रिय थी रोहिणी, जिसकी वजह से चंद्रमा को श्राप का सामना भी करना पड़ा था। इस तरह वैदिक काल से ही नक्षत्रों का अपना अलग महत्व रहा है।

चंद्रमा का किरदार विशेष
भारतीय वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र के सिद्धांत का वर्णन है। नक्षत्र के सिद्धांत अन्य प्रचलित ज्योतिष पद्धतियों से अधिक दावेदार और अचूक है। चन्द्रमा 27.3 दिन में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है।

एक मासिक चक्र में चंद्रमा जिन मुख्य सितारों के समूहों के बीच से गुजरता है, उसी संयोग को नक्षत्र कहा जाता है। चंद्रमा द्वारा पृथ्वी की एक परिक्रमा में 27 विभिन्न तारा-समूह बनते हैं और इन्ही तारों के विभाजित समूह को नक्षत्र या तारामंडल कहा जाता है। प्रत्येक नक्षत्र एक विशेष तारामंडल या तारों के एक समूह का प्रतिनिधि होता है।

27 नक्षत्र इस प्रकार हैं  
0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है:

अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।

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