वन विभाग के 4 कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौत, धामी ने लिया बड़ा फैसला

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वन विभाग के 4 कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौत, धामी ने लिया बड़ा फैसला

dhami

उत्तराखंड से एक बेहद दर्दनाक खबर मिली है। गुरुवार को अल्मोड़ा में स्थित बिंसर अभ्यारण के जंगल में भीषण आग लग गई। सूचना पर आग बुझाने के लिए गई टीम इसकी चपेट में आ गई। वनाग्नि की इस घटना में चार पीआरडी के जवान और फायर वाचरों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि चार गंभीर रूप से झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे कर्मचारियों में से एक को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर किया गया है।


अल्मोड़ा (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से एक बेहद दर्दनाक खबर मिली है। गुरुवार को अल्मोड़ा में स्थित बिंसर अभ्यारण के जंगल में भीषण आग लग गई। सूचना पर आग बुझाने के लिए गई टीम इसकी चपेट में आ गई। वनाग्नि की इस घटना में चार पीआरडी के जवान और फायर वाचरों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि चार गंभीर रूप से झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे कर्मचारियों में से एक को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिंसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि से चार वनकर्मियों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना में झुलसे चार अन्य वनकर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट किए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने कहा कि यह घटना बेहद हृदयविदारक है और इस दुख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने गंभीर घायलों को आवश्यकतानुसार उपचार के लिए हल्द्वानी से एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ-साथ मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की धनराशि दिए जाने के निर्देश दिए है।

गुरुवार को अल्मोड़ा जिले में स्थित बिंसर अभ्यारण के जंगल में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दी गई। आग लगने की सूचना वन विभाग की टीम को मिली और वह आग बुझाने के लिए मौके की ओर रवाना हुई। मौके पर पहुंचने के बाद फायर वाचर और पीआरडी के जवानों को जंगल की आग ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। फायर वाचरों और पीआरडी के जवानों ने आग से बचने की काफी कोशिश की। लेकिन वह आग की लपटों से अपने आप को बचा नहीं पाए।

वनाग्नि की इस घटना में आग बुझाने गए वन बीट अधिकारी बिंसर रेंज त्रिलोक सिंह मेहता (40 )पुत्र नारायण सिंह, निवासी उडलगांव बाड़ेछीना, दैनिक श्रमिक दीवान राम (35) पुत्र पदी राम, निवासी ग्राम सौड़ा, कपड़खान, फायर वाचर करन आर्या (21) साल पुत्र बिशन राम निवासी कफड़खान और पीआरडी जवान पूरन सिंह (50) साल पुत्र दीवान सिंह निवासी ग्राम कलौन की मौके पर ही मौत हो गई।

जबकि फायर वाचर कृष्ण कुमार (21) पुत्र नारायण राम निवासी ग्राम भेटुली, पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी (44) पुत्र प्रताप नेगी निवासी ग्राम खांखरी वाहन चालक भगवत सिंह भोज (38) पुत्र बची सिंह निवासी ग्राम भेटुली,दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट (54) पुत्र बद्रीदत्त भट्ट निवासी ग्राम धनेली, अल्मोड़ा गंभीर रूप से झुलस गए। वन विभाग के अधिकारियों को टीम के जंगल में फंसे होने की जानकारी मिली तो वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू कर चार कर्मचारियों को जंगल की आग के बीच से बाहर निकाल कर उपचार के लिए बेस अस्पताल अल्मोड़ा लेकर आए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने कृष्ण कुमार और कुंदन नेगी को हल्द्वानी के एसटीएच रेफर कर दिया।

बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि हादसे में दो कर्मचारी पचास प्रतिशत से अधिक जल गए हैं। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। जबकि दो का बेस अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। हादसे की सूचना के बाद से मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

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