राज्यपाल ने किए श्री जागेश्वर धाम और चितई गोलू मन्दिर में दर्शन, बोले- धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाया जाएगा

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राज्यपाल ने किए श्री जागेश्वर धाम और चितई गोलू मन्दिर में दर्शन, बोले- धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाया जाएगा

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राज्यपाल ने मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र एवं शिव के अन्य मंत्रों का उच्चारण किया। उन्होंने मृत्युंजय मंदिर एवं मातृशक्ति मंदिर, पुष्टि देवी मंदिर में पूजा अर्चना की तथा संपूर्ण मंदिर परिसर की परिक्रमा कर मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी प्राप्त की। मंदिर पुजारी लक्ष्मी दत्त ने उन्हें मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी दी।


 

अल्मोड़ा (उत्तराखंड पोस्ट) राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बुधवार को जनपद अल्मोड़ा के विश्व प्रसिद्ध धाम श्री जागेश्वर/चितई गोलू मन्दिर पहुंचकर पूजा अर्चना की तथा प्रदेशवासियों के लिए सुख समृद्धि की प्रार्थना की। सर्वप्रथम उन्होंने ज्योतिर्लिंग मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मंहत गिरीश भट्ट ने उन्हें पूजा पाठ कराई।

राज्यपाल ने मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र एवं शिव के अन्य मंत्रों का उच्चारण किया। उन्होंने मृत्युंजय मंदिर एवं मातृशक्ति मंदिर, पुष्टि देवी मंदिर में पूजा अर्चना की तथा संपूर्ण मंदिर परिसर की परिक्रमा कर मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी प्राप्त की। मंदिर पुजारी लक्ष्मी दत्त ने उन्हें मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी दी।

इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी वंदना से वार्ता करते हुए कहा कि यह क्षेत्र आध्यात्म एवं पर्यटन की दृष्टि से अपना विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की आर्थिकी को पर्यटन से जोड़े जाने पर कार्य किया जाए।

उन्होंने कहा कि होम-स्टे योजना के लिए इस क्षेत्र में विशेष कार्य किए जाएं। इस दौरान उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम में पहुंचकर वह खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा यहां पहुंचकर भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का वास्तविक आभास होता है।

 

इसके उपरान्त चितई गोलू मन्दिर पहुंचकर राज्यपाल ने कहा कि हमें धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाना होगा और चारधाम के अलावा अन्य धार्मिक स्थानों को भी इससे जोड़ना होगा।

उन्होने कहा कि विश्व में जितने भी गुरूनानक के अनुयायी है वे भी हेमकुण्ड, रीठा साहिब, नानकमत्ता, देहरादून, हरिद्वार में स्थित गुरूद्वारों में आकर आध्यत्मिक अनुभूति प्राप्त करें। इसके लिए हमें सड़क मार्ग, हैलीपैड व संचार व्यवस्थाओं को और अधिक विकसित करना होगा इस पर सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसे सर्किट अवश्य ही बनाये जायेंगे और इन स्थानों पर यात्रियों को बेहतर सुविधायें मुहैया हो इसका विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में ‘‘अतिथि देवो भवः‘‘ की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में होमस्टे, विलेज स्टे को लेकर जो बदलाव आ रहा है वह पर्यटन के लिए काफी अच्छा है।

राज्यपाल ने कहा कि हर भारतीय को अपनी संस्कृति को जानना होगा। उन्होंने सभी भारतीयो से अपील कि वे चारधाम आकर आध्यात्मिक अनुभूति को प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मन्दिर के प्रांगण से कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा और मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार से उत्तराखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर है निश्चित ही आने वाला समय उत्तराखण्ड का होगा। उन्होंने पलायन को रोकने के लिए उत्तराखण्ड से बाहर रह रहे लोगों से अपील की, कि वे उत्तराखण्ड वापस आयें और कृषि, बागवानी, पर्यटन से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें और देश के लिए एक मिसाल पेश करें।

इस अवसर पर परिसहाय राज्यपाल तरूण कुमार, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे, अपर जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया, जागेश्वर मन्दिर प्रबन्धक ज्योत्सना पंत समेत अन्य उपस्थित रहे।

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