उत्तराखंड | बिन्सर अग्निकांड की आपबीती, होश उड़ जाएंगे! आंसू नहीं रोक पाएंगे...
वनों की आग को फैलने से रोककर अमूल्य वन संपदा के साथ ही वन्य जीवों और जंगल के पास रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी बचाने वाले वीर कर्मचारी खुद इस आग का शिकार बन गए। बिन्सर के इस दर्दनाक हादसे आखिर हुआ कैसे ?
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखड के अल्मोड़ा जिले में स्थित बिन्सर के जंगलों में आग ने ऐसा तांडव मचाया कि चार लोगों की जिंदगी लील ली, वहीं 4 अन्य जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। बिन्सर में आग के तांडव की कहानी जिसने भी सुनी, वो अपने आंसू नहीं रोक पाया।
वनों की आग को फैलने से रोककर अमूल्य वन संपदा के साथ ही वन्य जीवों और जंगल के पास रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी बचाने वाले वीर कर्मचारी खुद इस आग का शिकार बन गए। बिन्सर के इस दर्दनाक हादसे आखिर हुआ कैसे ?
कैसे आग बुझाने गई टीम ही इस भीषण आग में फंस गई, इसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। बिनसर के जंगल में फॉरेस्टर और उनके साथ गई टीम के आग में फंसने की सूचना पर जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह खुद सहम गए। कर्मचारियों की बोलेरो गाड़ी जल चुकी था और अगल-बगल उनके चार साथियों के शव पड़े थे। वहीं कुछ दूरी पर आग की चपेट में आए चार अन्य साथी खुद को आग से बचने की असफल कोशिश करते हुए नजर आए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों और कर्मचारियों ने आनन-फानन चारों कर्मचारियों को आग के घेरे से बचाया और फौरन अस्पताल भेजा।
अस्पताल ले जाते समय आग से झुलस चुके एक एक कर्मचारी ने टूटती सांसों को संभालते हुए जंगल में मचे इस मौत के तांडव के बारे में बताया तो उसकी आपबीती सुनकर वन कर्मियों के रोंगटे खड़े हो गए। झुलसा वन कर्मी कभी अपने साथियों की कुशलक्षेम पूछता तो कभी अपने परिजनों को पास बुलाने की गुहार लगाता।
बताया कि आग लगने की सूचना पर वह और सात अन्य साथियों के साथ विभाग के वाहन से मौके पर पहुंचे। वाहन से उतरने के बाद उन्होंने देखा की सड़क के नीचे ढलान से आग ऊपर की ओर आ रही थी। उस समय आठ वन कर्मियों में से कुछ आग बुझाने की रणनीति बना रहे थे और कुछ वाहन से अपना सामान बाहर निकाल रहे थे। तभी आग की लपटों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। बचने की कोई उम्मीद बाकी नहीं रही। सभी कर्मचारी लपटों से बचने का प्रयास करते रहे लेकिन आग इतनी भयानक थी कि सड़क पर खड़ा वाहन तक उसकी चपेट में आ गया। एक-एककर सब धुएं के गुबार में गायब होने लगे और उसकी आंखों के सामने भी अंधेरा छा गया। इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ पता नहीं।
एंबुलेंस में जब उसे होश आया तो लड़खड़ाती आवाज में कभी अपने साथियों की कुशलक्षेम पूछता तो कभी अपने परिजनों को पास बुलाने की गुहार लगाता। बीच-बीच में उसके जख्मों का दर्द असहनीय हो जाता तो वह चीखने लगता। मौके से अस्पताल तक पहुंचने तक का करीब एक घंटे का सफर वाहन में सवार अन्य वन्य कर्मियों के लिए बेहद मुश्किल भर था।
वन कर्मी चारों घायलों के सकुशल अस्पताल पहुंचने की भगवान से प्रार्थना करते रहे। हालांकि चारों घायलों को बेस अस्पताल तक तो पहुंचा दिया गया लेकिन दो की हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया। सभी लोग बस यही दुआ कर रहे थे कि साथियों की जान बच जाए।
डॉक्टरों के अनुसार एक घायल की हालत गंभीर है, वह 82 प्रतिशत से अधिक जला हुआ है। उधर तीन घायल 40 प्रतिशत से अधिक जले हैं।
एम्स दिल्ली शिफ्ट करने के निर्देश
बिन्सर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशों पर दो एयर एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आज सुबह सीएम आवास में बैठक में इसके निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर बिन्सर वन्यजीव विहार की वनाग्नि पर तत्काल नियंत्रण के लिए वायु सेना की मदद से पूर्व की भाँति प्रभावित वन क्षेत्र पर हेलिकॉप्टर व अन्य आवश्यक संसाधनों का उपयोग कर पानी का छिड़काव करने व आग पर अतिशीघ्र काबू पाने के निर्देश दिए हैं।
धामी के निर्देश के बाद शुक्रवार को सरकार और वन विभाग ने भारतीय वायु सेना के एमआई 17 के हेलिकॉप्टर की मदद से भीमताल झील से पानी उठाकर अल्मोड़ा के बिनसर अभयारण्य के जंगल में डालने का काम शुरू कर दिया है।
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