जोशीमठ से बड़ी खबर, GMVN के गेस्ट हाउस में भी आई दरारें, टूट रहे हैं ये 5 भवन

जोशीमठ में भू-धंसाव नही रुक रहा है। इस बीच बड़ी खबर मिली है कि भू-धंसाव के चलते जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में दरारें आनी शुरु हो गई है। बता दें कि इस गेस्ट हाउस में जोशीमठ में वैज्ञानिकों को ठिकाना था। जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसर गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही ठहरते थे। बुधवार की सुबह भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।
जोशीमठ (उत्तराखंड पोस्ट) जोशीमठ में भू-धंसाव नही रुक रहा है। इस बीच बड़ी खबर मिली है कि भू-धंसाव के चलते जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में दरारें आनी शुरु हो गई है। बता दें कि इस गेस्ट हाउस में जोशीमठ में वैज्ञानिकों को ठिकाना था। जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसर गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही ठहरते थे। बुधवार की सुबह भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।
पहले गेस्ट हाउस के प्रथम तल के कक्ष संख्या 204 से 208 तक पांच कमरों की दीवार में हल्की दरारें थीं। अब देखा गया तो ये दरारें और बढ़ गईं। कमरों और कार्यालय की दीवारों पर दरारें उभरी हुई हैं। इसके निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लग गई हैं। इस लिहाज से गेस्ट हाउस के पांच डीलक्स कमरे असुरक्षित हो गए हैं। जिनमें पर्यटकों को ठहराना ठीक नहीं होगा। जल्द ही इस भवन को भी असुरक्षित घोषित करने के आसार हैं।
नगर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आ गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में यहां दरारें आई हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है और दो दिन में यहां दरारें काफी बढ़ी हैं। इसके अलावा राहत शिविर बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी बारीक दरारें दिख रही हैं। हालांकि ये पुरानी बताई जा रही हैं। होटलों को तोड़ने की शुरुआत करने के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया। अब तक 258 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है।
DM चमोली हिमांशु खुराना ने बताया कि कुल पांच भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें होटल माउंट व्यू, मलारी इन और लोक निर्माण विभाग के भवन शामिल हैं। भवनों को वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं।
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