जोशीमठ भू-धंसाव पर धामी सरकार का बड़ा फैसला, हर माह पैसे देगी सरकार

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जोशीमठ भू-धंसाव पर धामी सरकार का बड़ा फैसला, हर माह पैसे देगी सरकार

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जानकारी के अनुसार अभी तक 44 परिवारों को शिफ्ट किया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पानी, बिजली, शौचालय के साथ ही जरूरी सुविधाएं मुहैया की जा रही है। प्रभावित परिवारों के लिए फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है।


 

जोशीमठ (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा से बेघर हुए परिवारों के लिए किराये के मकान में रहने के लिए 4 हजार रुपये महीने प्रति परिवार देने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

आदेश के अनुसार आपदा से प्रभावित ऐसे परिवारों जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अध्यासन योग्य नहीं रहते है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो जाते हैं उन परिवारो के लिए किराये के मकान में रहने हेतु धनराशि 4000 रू० /- प्रति परिवार की दर से सहायता राशि छः माह तक मा० मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जायेगी।

वहीं जोशीमठ में भूं-धंसाव के खतरे के बीच चमोली जिला प्रशासन ने जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित भवन, होटल एवं अन्य संरचनाओं का मूल्यांकन एवं तकनीकी जांच के लिए विस्तृत सर्वे करने हेतु अधिकारियों व कार्मिकों की 9 टीमें गठित की है, जो प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर सर्वे कर रही है।

वही जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के भवन, होटल एवं अन्य संरचनाओं के तत्काल आंकलन किए जाने हेतु जिला प्रशासन ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान में कार्यरत पीआईयू डिविजन लोनिवि के समस्त तकनीकी कार्मिकों को भी अग्रिम आदेशो तक अधिग्रहित किया है।

साथ ही जोशीमठ नगर में भू-धंसाव की बढती समस्या को देखते हुए गढवाल आयुक्त सुशील कुमार ने सुरक्षा के दृष्टिगत जोशीमठ में तत्काल एनडीआरएफ दल की तैनाती के निर्देश दिए है।

ताजा जानकारी के अनुसार अभी तक 44 परिवारों को शिफ्ट किया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पानी, बिजली, शौचालय के साथ ही जरूरी सुविधाएं मुहैया की जा रही है। प्रभावित परिवारों के लिए फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के सन्दर्भ में हमारी सरकार पूरी सजगता से कार्य कर रही है, साथ ही उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर इस समस्या से संबंधी विषयों पर गहन मंथन कर हम इसके समाधान के लिए कार्यरत हैं। तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम वहां पहुंच चुकी है, मैं स्वयं भी वहां जाकर स्थिति का जायजा लूंगा।

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