जोशीमठ | जिला प्रशासन और प्रभावित लोगों के बीच अहम बैठक, मुआवजे पर हुआ बड़ा फैसला
जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे के बीच ध्वस्तिकरण कार्रवाई के विरोध के बीच बड़ी ख़बर मिल रही है। बुधवार को चमोली जिला प्रशासन और प्रभावित लोगों के बीच अहम मीटिंग हुई। मीटिंग में अहम फैसले लिए गए।
जोशीमठ (उत्तराखंड पोस्ट) जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे के बीच ध्वस्तिकरण कार्रवाई के विरोध के बीच बड़ी ख़बर मिल रही है। बुधवार को चमोली जिला प्रशासन और प्रभावित लोगों के बीच अहम मीटिंग हुई। मीटिंग में अहम फैसले लिए गए।
दरअसल प्रभावित लोग मांग कर रहे थे कि उन्हें ध्वस्तिकरण के बदले बदरीनाथ की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। इस मीटिंग में ये फैसला हुआ कि सरकार प्रभावित लोगों को बाज़ार भाव पर मुआवज़ा दिया जाएगा और फिलहाल डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम राहत दी जाएगी।
बैठक में ये भी फैसला हुआ कि अभी फिलहाल सिर्फ दो होटल को ही तोड़े जाएंगे और बाकी भवनों को अभी तोड़े नहीं जाएंगे। साथ ही फैसला हुआ कि जिन होटल को तोड़ा जाएगा, उन होटल मलिकों को पीपल कोटी में ज़मीन और बिल्डिंग का मुआवज़ा दिया जाएगा।
बैठक में प्रभावितों के लिए एक हफ़्ते में कंपनसेशन प्लॉन बनाए जाने पर भी सहमति बनी। वहीं जोशीमठ भूमि धंसाव पर मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम ने कहा कि हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है...रविवार को ये 570 LPM था और कल ये घटकर 250 LPM हो गया। 7 तारीख के बाद नई कोई दरारें विकसित नहीं हुई हैं। ये अच्छी बात है।
वहीं चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ में हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए। 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें परिलक्षित हुई हैं तो उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे।
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