जोशीमठ में अब क्रेक मीटर से हो रहा एक-एक घर का सर्वे, जानिए किस आधार पर तय होगा मुआवजा!
चमोली जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 760 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत 185 परिवारों के 657 सदस्यों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है। नगर क्षेत्र में भवनों का सर्वे कार्य जारी है।
जोशीमठ (उत्तराखंड पोस्ट) जोशीमठ में शासन- प्रशासन का पूरा फोकस लोगों की सुरक्षा पर है। इसी क्रम में अब जोशीमठ नगर क्षेत्र में भी भवनों का चिन्हिकरण किया जा रहा है।
चमोली जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 760 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी है। सुरक्षा के दृष्टिगत 185 परिवारों के 657 सदस्यों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है। नगर क्षेत्र में भवनों का सर्वे कार्य जारी है।
वहीं जोशीमठ में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की टीम एक-एक बिल्डिंग में जाकर उनकी जांच कर रही है। भवनों में किस तरह की दरार है, इसका अध्ययन किया जा रहा है।
सीबीआरआई के वैज्ञानिकों के पास 'क्रेक मीटर' है जिन्हें दीवार पर चिपकाया जाता है और कुछ दिन मॉनिटर किया जाता है, जिससे पता लग जाता है कि बिल्डिंग सुरक्षित है या नहीं। इस दौरान भवन में एक पोस्टर टीम लगा रही है कि इस भवन की जांच हो रही है। अगर पता लग जाता है कि यह भवन असुरक्षित है और रहने लायक नहीं है तो भवन में Unusable के पोस्टर लगा दिए जाते हैं।
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की टीम इस तरह 25 जनवरी तक करीब 3500 घरों की जांच करेगी और इनकी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप देगी। फिर इस रिपोर्ट के आधार पर ही शासन-प्रशासन प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ ही उनको दिए जाने वाले मुआवजे को भी तय करेगा।
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