ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के लिए बजट मजूर

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Chamoli

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के लिए बजट मजूर

मोदी सरकार ने उत्तराखंड राज्य की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के निर्माण के लिए 16 हजार 200 करोड़ बजट को मंजूरी दी है। पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी से कैलाश तीर्थ स्थलों को जोड़ने की यह पहल मील का पत्थर है। ये रेल लाइन सामरिक रूप


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के लिए बजट मजूर

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के लिए बजट मजूरमोदी सरकार ने उत्तराखंड राज्य की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के निर्माण के लिए 16 हजार 200 करोड़ बजट को मंजूरी दी है।

पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी से कैलाश तीर्थ स्थलों को जोड़ने की यह पहल मील का पत्थर है। ये रेल लाइन सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना के लिए भारी-भरकम बजट को मंजूरी दी गई है। केंद्र की भाजपा सरकार के इस कदम का पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने स्वागत किया है।

एक बयान जारी कर सतपाल महाराज ने बताया कि मोदी सरकार के इस कदम से रेल लाइन का निर्माण कार्य बगैर किसी बाधा के पूरा होगा। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों से होने वाला पलायन रुक सकेगा। पहाड़ की आर्थिकी के लिए इसे फायदेमंद करार देते हुए उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में महंगी माल ढुलाई रेल लाइन पहुंचने से सस्ती हो जाएगी।

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन का पूरा बजट स्वीकृत करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री सुरेश प्रभु का धन्यवाद भी जताया। गौरतलब है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक करीब 126 किमी रेल लाइन का निर्माण होना है।
ये रेल लाइन देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों के कई स्थानों को जोड़ते हुए पर्यटन धाम तक पहुंचेगी। इस पर चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर नाला, व्यासी, कौड़ियाला, नाला, देवप्रयाग, पोखरी नाला, अलकनंदा नदी-लछमोली, अलकनंदा-श्रीनगर, धारी नाला-एक, धारी नाला-दो, नकरोटा, तिलणी, धोलतीर, अलकनंदा गौचर, सिंवई नाला पर कुल 16 पुल प्रस्तावित हैं। रेल लाइन में 16 सुरंग 104.990 किमी की होंगी। यह रेल लाइन 84 फीसद भूमिगत होगी। इस वजह से वर्षा ऋतु में होने वाले भूस्खलन के कारण अवरुद्ध होने वाले मोटर मार्ग का अच्छा विकल्प साबित होगी।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे