बदरीनाथ धाम में भालू का आतंक, कई घरों के दरवाजे तोड़े, मचाया कोहराम

बदरीनाथ धाम से एक हैरान करने वाली खबर मिली है। यहां खाने की तलाश में आए भालू ने आतंक मचाया हुआ है। दरअसल, शीतकाल में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद रहते हैं खाली घर बर्फ से ढके रहते हैं लोग बदरीनाथ को छोड़कर शीतकाल में निचले स्थानों पर आ जाते हैं। फरवरी में बर्फ के बीच खाने की तलाश में आए भालू ने कई घरों, धर्मशालाओं के दरवाजे तोड़कर नुकसान पहुंचाया है।
बदरीनाथ (उत्तराखंड पोस्ट) बदरीनाथ धाम से एक हैरान करने वाली खबर मिली है। यहां खाने की तलाश में आए भालू ने आतंक मचाया हुआ है। दरअसल, शीतकाल में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद रहते हैं खाली घर बर्फ से ढके रहते हैं लोग बदरीनाथ को छोड़कर शीतकाल में निचले स्थानों पर आ जाते हैं। फरवरी में बर्फ के बीच खाने की तलाश में आए भालू ने कई घरों, धर्मशालाओं के दरवाजे तोड़कर नुकसान पहुंचाया है।
सूचना के बाद भवन स्वामियों ने जिला प्रशासन से इसकी शिकायत कर बताया कि फरवरी में महायोजना का कार्य बंद होने के चलते बदरीनाथ धाम में सुरक्षा पर तैनात आइटीबीपी व मंदिर समिति के कर्मचारियों के अलावा आश्रमों में तपस्या कर रहे कुछ साधु संत ही मौजूद थे, इसी दौरान भालू के झुंड ने बदरीनाथ में उत्पात मचाया है। बदरीनाथ धाम में तप करे रहे बर्फानी बाबा ने इसकी सूचना भवन स्वामियों को दी। भवन स्वामी मुकेश अलखानिया ने बताया कि बर्फानी बाबा ने उन्हें बताया कि इंद्र भवन अलखानिया मोहल्ले में उनके घरों के दरवाजे को तोड़कर भालू ने घर के अंदर रखे सामानों को नुकसान पहुंचाया है।
भवन स्वामी ने इसकी सूचना प्रशासन व वन विभाग को दी वह भालू के आतंक से निजात की मांग की है। बदरीनाथ धाम सहित , माणा, नीती घाटी के गांवों में शीतकाल में भालू का आतंक पहले भी रहा है। लोगों की घरों की छत फाड़कर या फिर दरवाजे तोड़कर भालू घरों के अंदर प्रवेश करते रहे हैं, तथा घर के अंदर रखे खाद्य सामग्री को भी वे खाते रहे हैं।
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