जानिए उत्तराखंड में कहां पर है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर ?
देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। क्या आप गणपति के जन्म की कथा जानते हैं। भगवान गणेश के जन्म की कथा बड़ी रोमांचक और निराली
देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
क्या आप गणपति के जन्म की कथा जानते हैं। भगवान गणेश के जन्म की कथा बड़ी रोमांचक और निराली है। गणपति के जन्म के संबंध में दो कथाएं प्रचलित हैं। यह तो सभी जानते हैं कि गणपति का धड़ उनके शरीर से अलग हो गया था। जिसके बद एक हाथी के बच्चे का सिर काटकर उनके धड़ से जोड़ा गया। अब सवाल यह उठता है कि गणपति का असली सिर आखिर कहां है ?
इस सवाल का जवाब भी आपको बताएंगे लेकिन इससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर भोलेनाथ ने गणपति का सिर क्यों काटा था। शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से बालक का पुतला बनाकर उसमें प्राण फूंक दिए। उस बच्चे को किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश देते हुए वह स्नान करने चली गईं। कुछ देर बाद वहां भगवान शंकर आए और पार्वती के भवन में जाने लगे। बाल गणेश ने महादेव को अंदर जाने से रोक दिया। शिव जी के समझाने पर भी जब गणेश नहीं माने को क्रोधित शिव त्रिशूल से बालक का सिर धड़ से अलग कर भीतर चले गए।
माता पार्वती को जब गणेश के वध के बारे में पता चला ता वह क्रोधित होकर विलाप करने लगीं और सृष्टि में हाहाकार मच गया। तब पार्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर काट कर बालक के धड़ से जोड़ दिया।
दूसरी कथा के अनुसार जब गणपति का जन्म हुआ तो शिवलोक में उत्सव मनाया जा रहा था। सभी देवता नन्हे बालक को आशीर्वाद देने के लिए शिवधाम पधारे थे। लेकिन शनि देव गणपति को देखे बिना ही विदा लेने लगे। यह देख माता पार्वती ने शनि देव से इसका कारण पूछा। इस पर शनि देव ने कहा कि अगर उनकी दृष्टि गणेश पर पड़ी तो अमंगल हो जाएगा। लेकिन मां पार्वती नहीं मानी और उन्हें गणेश को देखने का आदेश दे दिया। फिर जैसे ही शनि ने गणेश को देखा उनका सिर कटकर हवा में विलीन हो गया। गणपति जमीन पर गिर गए और मां पार्वती बेहोश हो गईं। इसके बाद भगवान विष्णु ने एक नवजात हाथी का सिर काटकर गणेश जी के धड़ से जोड़ दिया।
कहां है गणेश जी का सिर ? | आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि गणेश जी का असली सिर एक गुफा में है। मान्यता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का जो मस्तक शरीर से अलग कर दिया था उसे उन्होंने एक गुफा में रख दिया। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदि गणेश कहा जाता है। मान्यता के अनुसार कलयुग में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी।
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