बेटे की जीत के लिए हरीश रावत ने झोंकी ताकत, लेकिन क्यों साथ छोड़ रहे करीबी, हरदा ने खुद बताया

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बेटे की जीत के लिए हरीश रावत ने झोंकी ताकत, लेकिन क्यों साथ छोड़ रहे करीबी, हरदा ने खुद बताया

Harish Rawat

हरीश रावत लिखते हैं- बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं?


 

हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) अपने बेटे को हरिद्वार लोकसभा सीट से जिताने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूरी ताकत झोंक दी है, इस बीच हरदा ने बिना नाम लिए उनसे नाराज चल रहे कांग्रेसियों पर निशाना साधा है।

हरीश रावत लिखते हैं- बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं?

हरदा ने आगे कहा- मैंने कहा हर किसी के नाराजगी के कुछ न कुछ कारण होते हैं। कुछ लोग इसलिये नाराज हैं, वह मेरे कार्यकाल में एक एसडीएम को एडीएम बनाने की सुपारी ले चुके थे।

एक पूज्यनीय इसलिये नाराज हैं, स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश की कुछ संपत्तियों को मैंने उनके संगठन के नाम पर करने से इनकार कर दिया, एकाध-दो सज्जन ऐसे भी हैं कि उनको देते-देते अंत में जब मेरे पास भी देने के लिए कुछ नहीं रह गया तो वह बड़े दाताओं के पास पहुंच गए हैं। देखते हैं वहां क्या मिलता है? हमारी शुभकामनाएं हैं यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गये हैं वहां वफादार रहें।

आपको बता दें कि हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और हरिद्वार से ही सांसद रहे हरदा ने इस लोकसभा चुनाव में बेटे की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

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