उत्तराखंड | आईआईटी रुड़की ने तैयार किया सस्ता पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

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उत्तराखंड | आईआईटी रुड़की ने तैयार किया सस्ता पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

रुड़की (उत्तराखंड पोस्ट) आईआईटी रुड़की की एक टीम ने सस्ता पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया है। यह कोरोना से इलाज में उपयोगी साबित होगा। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पोर्टेबल वेंटिलेटर को ”प्राण-वायु नाम दिया गया है इसे एम्स, ऋषिकेश के सहयोग से विकसित किया गया है। यह पोर्टेबल वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में हवा पहुंचाने


उत्तराखंड | आईआईटी रुड़की ने तैयार किया सस्ता पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

 रुड़की (उत्तराखंड पोस्ट) आईआईटी रुड़की की एक टीम ने सस्‍ता पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया है। यह कोरोना से इलाज में उपयोगी साबित होगा। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पोर्टेबल वेंटिलेटर को ”प्राण-वायु नाम दिया गया है इसे एम्स, ऋषिकेश के सहयोग से विकसित किया गया है।

यह पोर्टेबल वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में हवा पहुंचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित ऑपरेशन पर आधारित है। इस पोर्टेबल वेंटिलेटर को काम करने के लिए कंप्रेस्ड हवा की जरूरत नहीं होगी। इसे अस्पताल के किसी भी वॉर्ड में या खुले में लगाया जा सकता है। वेंटिलेटर में ऐसी व्यवस्था भी है, जो टाइडल वॉल्यूम और प्रति मिनट सांस को नियंत्रित कर सकती है।वेंटिलेटर सांस नली के विस्तृत प्रकार के अवरोधों में उपयोगी होगा और सभी आयु वर्ग के रोगियों, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए खास लाभदायक है।

प्रोटोटाइप का परीक्षण सामान्य और सांस के विशिष्ट रोगियों के साथ सफलतापूर्वक किया गया। इसे काम करने के लिए कंप्रेस्ड हवा की जरूरत नहीं पड़ती है ऐसे में यह अस्पताल के किसी वार्ड या खुले क्षेत्र में परिवर्तित आईसीयू में मददगार होगा। यह रीयल-टाइम स्पायरोमेट्री और अलार्म से उच्च दबाव को सीमित कर सकता है। इसमें रिमोट मॉनिटरिंग, ऑपरेटिंग मीटर, टच स्क्रीन से नियंत्रण, सांस लेने के लिए नमी और तापमान नियंत्रण की भी खूबियां हैं।उत्तराखंड | आईआईटी रुड़की ने तैयार किया सस्ता पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

आईआईटी रुड़की की टिंकरिंग प्रयोगशाला के समन्वयक के अनुसार प्राण-वायु को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के लिए डिजाइन किया गया है। यह कम लागत वाला, सुरक्षित और विश्वसनीय मॉडल है, जिसका निर्माण तेजी से किया जा सकता है। इसकी अनुमानित निर्माण लागत 25 हजार रुपये होने का अनुमान है । शोध टीम में IIT रुड़की के प्रो.अक्षय द्विवेदी और प्रो.अरुप कुमार दास के साथ एम्स ऋषिकेश से डॉ.देवेन्द्र त्रिपाठी ऑनलाइन सहयोग के साथ शामिल थे।

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