हल्द्वानी हिंसा | बनभूलपुरा के लिए मुख्यमंत्री धामी का बड़ा ऐलान, हर कोई रह गया हैरान!

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हल्द्वानी हिंसा | बनभूलपुरा के लिए मुख्यमंत्री धामी का बड़ा ऐलान, हर कोई रह गया हैरान!

Dhami

सीएम धामी ने साफ कहा कि उपद्रवियों और दंगाइयों के लिए हमारी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि देवभूमि की शांति से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, ऐसे उपद्रियों के लिए उत्तराखण्ड में कोई स्थान नहीं है।


 

हरिद्वार/हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और बनभूलपुरा के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।

साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया कि बनभूलपुरा, हल्द्वानी में जिस जगह से अवैध अतिक्रमण हटाया गया वहां पर अब पुलिस थाने का निर्माण किया जाएगा।


हरिद्वार में अपने संबोधन में सीएम धामी ने साफ कहा कि उपद्रवियों और दंगाइयों के लिए हमारी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि देवभूमि की शांति से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, ऐसे उपद्रियों के लिए उत्तराखण्ड में कोई स्थान नहीं है।

अब तक 30 अभियुक्तों की गिरफ्तारी-

हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा मामले अब तक कुल 30 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।रविवार को 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 07 तमन्चे, 54 जिन्दा कारतूस एवं थाने से लूटे गये 99 जिन्दा कारतूस भी बरामद किये गये।

29 जनवरी का वीडियो आया सामने-

इस बीच हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 29 जनवरी को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें इस हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता कहा जा रहा अब्दुल मलिक नगर निगम आयुक्त से बहस करते हुए नजर आ रहा है।

दरअसल 29 जनवरी को नगर निगम की टीम बनभूलपुर में जमीन पर कब्जा लेने पहुंची थी, इस दौरान अब्दुल मलिक ने नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय से जमकर बहस की थी। जब नगर आयुक्त ने मलिक से जमीन के कागज दिखाने को कहा तो वह जमीन के दस्तावेज नहीं दिखा पाया और नगर आयुक्त पंजक उपाध्याय से बहस करते हुए वीडियो में नजर आ रहा है, जिसके बाद उसी दिन नगर निगम की टीम ने इस विवादित नजूल की जमीन पर कब्जा ले लिया था। नीचे देखिए वीडियो-

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

हिंसा की घटनाओं की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत मजिस्ट्रेट जांच करेंगे और 15 दिन के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

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