उत्तराखंड में बारिश मचा रही तबाही, कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल टूटा

धामी सरकार ने भारी बारिश के अलर्ट के चलते 14 व 15 जुलाई को प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश दिया है, इस संबंध में शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) अगले तीन तक उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार और शनिवार को भारी से भारी बारिश की आशंका है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
धामी सरकार ने भारी बारिश के अलर्ट के चलते 14 व 15 जुलाई को प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश दिया है, इस संबंध में शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
इस बीच कोटद्वार से खबर है कि भारी बारिश के बाद कोटद्वार में मालन पुल अचानक टूट गया। जिसके चलते यहां आवागमन पूरी तरह से ठप है। साथ ही भारबर क्षेत्र का कई गांव से संपर्क टूट गया है।
अमर उजाला की खबर के अनुसार कोटद्वार में मालन पुल के टूटने से हल्दूखाता मल्ला निवासी प्रशांत डबराल(40) पुत्र प्रकाश डबराल बह गया। उसके दो साथी हुकुम सिंह और रविंद्र ने पुल की रेलिंग पकड़कर किसी तरह जान बचाई। घायल अवस्था में दोनों को बेस अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, दो युवकों के बाइक सहित पुल से गिरकर नदी में बहने की भी सूचना है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुल टूटने पर सरकार से प्रभावितों की मदद करने की अपील की है। हरदा ने कहा- उत्तराखंड के लिए बुरी खबर! कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, जो कोटद्वार के भाभर क्षेत्र सहित लालढांग को भी जोड़ता है। रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मोटर मार्ग में अनेकी और एतैमपुर के बीच में पुल पूर्णतः क्षतिग्रस्त, 17-18 गांव अलग-थलग पड़े। वहां के नौजवान जो सिडकुल में काम करने आते थे, उनका आवागमन पूर्णतः बंद, पूरा हरिद्वार जलमग्न। कांग्रेस शासनकाल में बने हुये बंधे, चाहे गंगा नदी पर हों, सोलानी पर हों आदि दूसरी नदियों पर हों वह क्षतिग्रस्त। सरकार को युद्ध स्तर पर प्रभावित लोगों की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए। कांग्रेसजन भी सरकारी अमले की सहायता के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। मैं भी खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाऊंगा, मेरी बेटी और बेटे वीरेंद्र रावत भी वहीं मदद में लगे हुए हैं।
इस बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंच कर जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी एवं एसडीआरएफ की टीमों को प्रभावितों की हर संभव सहायता एवं जल निकासी हेतु त्वरित एवं प्रभावी कदम उठाने हेतु निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिला प्रशासन को प्रभावितों तक खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने तथा जलभराव के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न बीमारियों के प्रति पहले से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि प्रदेश में गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इसके अलावा बरसाती नदियां भी उफान पर हैं। शासन प्रशासन की ओर से नदी तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। अलकनंदा और भागीरथी सहित टोंस व यमुना का जलस्तर लगातार हो रही बारिश के कारण बढ़ा हुआ है।
वहीं रुड़की के खानपुर क्षेत्र में बुधवार को दो जगह तटबंध टूटने से बाढ़ आ गई थी। गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। इससे पहले उन्होंने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम में प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
भारी बारिश औऱ भूस्खलन से प्रदेश में 449 सड़कें बंद हैं। इस मानसून सीजन में सड़कों के बंद होने की यह पहली बड़ी संख्या है।
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