उत्तराखंड की बेटी सृष्टि‘की फिल्म एक था गांव’को मिला अवॉर्ड, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

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उत्तराखंड की बेटी सृष्टि‘की फिल्म एक था गांव’को मिला अवॉर्ड, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

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टिहरी (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड की बेटी सृष्टि को उनकी फिल्म ‘एक था गांव’के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। बेस्ट नॉन फीचर फिल्म की केटेगरी में उन्हें ये पुरस्कार मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को सृष्टि को सम्मानित किया।

 

प्रेजिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने कहा “मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेरा ने ‘एक था गांव’ नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान में वृद्धि होगी।”

 

 

35 साल की सृष्टि लखेड़ा उत्तराखंड के टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गांव की रहने वाली है। फिल्म ‘एक था गांव’ नेशनल अवार्ड से पहले मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (MAMI) फिल्म महोत्सव में गोल्ड की श्रेणी मिल चुकी है। इस फिल्म को सृष्टि ने ही प्रड्यूस और डायरेक्ट किया है। घोस्ट विलेज यानी गाओं से हुए पलायन को कहानी को गढ़वाली और हिंदी भाषा में बनाया गया है। ऋषिकेश में सृष्टि का परिवार रहता है।

 

उत्तराखंड में हो रहे पलायन के देखते हुए सृष्टि ने इस पर फिल्म बनाई। उन्होंने बताया की उनके गांव में पहले करीब 40 परिवार रहते थे। लेकिन अब केवल पांच से सात लोग ही गांव में रहते है।

किसी न किसी वजह से लोगों को अपना गांव छोड़कर जाना पड़ता है। इस पीड़ा को उन्होंने अपनी फिल्म में दर्शाया है। फिल्म में दो मुख्य कलाकार है एक 80 साल की लीला देवी और 19 साल का किशोरी गोलू।

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