इन 16 विधानसभा सीटों में अपनों से घिरी BJP, मुश्किल हुई जीत की राह !
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी की अंतिम तारीख निकल चुकी है। ऐसे में भाजपा ने इसके बाद भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी मैदान में डटे 17 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी की अंतिम तारीख निकल चुकी है। ऐसे में भाजपा ने इसके बाद भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी मैदान में डटे 17 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
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भाजपा ने भले ही 17 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन इससे राज्य की सत्ता में वापसी को बेकरार भाजपा की मुश्किलें आसान नहीं हो जाती है। 16 सीटों पर भाजपा के बागियों के मैदान में डटे रहने से इन सीटों पर भाजपा की जीत की उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है।
भाजपा ने इन 17 बागियों को पार्टी से 6 साल के लिए किया निष्कासित
इन विधानसभा सीटों पर डटे हैं भाजपा के बागी
- गंगोत्री से सूरत राम नौटियाल
- केदारनाथ से आशा नौटियाल
- घनसाली से धनीलाल शाह और प्रेमला त्रिकुटिया
- नरेन्द्रनगर से ओम गोपाल रावत
- प्रतापनगर से राजेश्वर प्रसाद
- सहसपुर से लक्ष्मी अग्रवाल
- ऋषिकेश से संदीप गुप्ता
- खानपुर से रविन्द्र पनियाल
- लक्सर से कुशलपाल सैनी
- चौबट्टाखाल से कविन्द्र इष्टवाल
- डीडीहाट से किशन सिंह
- रानीखेत से प्रमोद नैनवाल
- नैनीताल से हेम आर्या
- कालाढूंगी से हरेन्द्र सिंह
- जसपुर से सीमा चौहान
- काशीपुर से राजीव अग्रवाल
जाहिर है राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 16 सीटों पर भाजपा के 17 बागी नेता कहीं न कहीं पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की जीत में रोड़ा बन सकते हैं। बागी नहीं भी जीतते हैं तो वे पार्टी प्रत्याशी के वोट काटने का काम करेंगे, जिसका सीधा फायदा विपक्षी पार्टी यानि कि कांग्रेस को मिलेगा।
एक-एक सीट की है अहमियत | राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा महज एक सीट से राज्य में सरकार बनाने का मौका खो दिया था। 2012 में राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 31 सीटों पर जीत मिली थी तो कांग्रेस ने 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद सरकार बनाने का मौका मिलने पर कांग्रेस ने निर्दलीय और बसपा के सहारे से सरकार बना ली थी।
ऐसे में जब इस बार भाजपा की 16 सीटों पर उसके नेता ही बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं तो ये 16 सीटों पर न सही लेकिन कम से कम 5 से 6 सीटों पर भाजपा के जीत के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
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