हरीश रावत ने बताया- गैरसैंण को क्यों नहीं बनाया राजधानी ?
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी नेता प्रदीप टम्टा के गैरसैंण पर दिए बयान पर साफ किया कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए गैरसैंण को राजधानी क्यों नहीं घोषित किया। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं) हरीश रावत ने कहा कि प्रदीप टम्टा कहते हैं कि हरीश रावत यदि गैरसैंण को राजधानी घोषित कर
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी नेता प्रदीप टम्टा के गैरसैंण पर दिए बयान पर साफ किया कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए गैरसैंण को राजधानी क्यों नहीं घोषित किया। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)
हरीश रावत ने कहा कि प्रदीप टम्टा कहते हैं कि हरीश रावत यदि गैरसैंण को राजधानी घोषित कर देते 2016 में, तो इतिहास पुरुष बन जाते।
रावत ने तंज कसते हुए कहा कि हां, इतिहास पुरुष तो मोहम्मद तुगलक भी थे, जो बिना किसी तैयारी के दिल्ली से राजधानी को दक्षिण की ओर लेकर के चले थे।
हरीश रावत बोले कि जिस दिन मैं मुख्यमंत्री बना था, उस दिन गैरसैंण में यदि 20-25 लोग भी पहुंच जाते तो उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं हो सकती थी। मैंने निरंतर प्रयास करके आज ये स्थिति पैदा की कि गैरसैंण में विधानसभा का भवन है, निवास बने हुए हैं विधायकों के, मंत्रियों व आदि के, टाउनशिप की प्लानिंग कर दी है, रोडो के निर्माण के लिए संस्था गठित कर दी है और सचिवालय के निर्माण की नींव रख दी, 57 करोड़ रुपया स्वीकृत कर दिया, 2 करोड़ रुपया अवमुक्त कर दिया। एक रास्ता बनाया है, और रास्ते पर चलते हुए ही इतिहास बनता है। और जो प्रदीप जी मैंने किया है वहां, वही गैरसैंण के हित में है और वही गैरसैंण को मंजिल तक पहुंचाएगा। (उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)
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