याद रखिए, हमारे प्रयासों से ही अलग उत्तराखंड राज्य बना: हरीश रावत

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याद रखिए, हमारे प्रयासों से ही अलग उत्तराखंड राज्य बना: हरीश रावत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्सभा सांसद और भाजपा नेता अलिन बलूनी के उत्तराखंड राज्य गठन पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। साथ ही हरीश रावत ने दावा किया कि ये उन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि अलग उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। हरीश रावत ने इस


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्सभा सांसद और भाजपा नेता अलिन बलूनी के उत्तराखंड राज्य गठन पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। साथ ही हरीश रावत ने दावा किया कि ये उन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि अलग उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ।

हरीश रावत ने इस संबंध में अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि अनिल बलूनी जी को बहुत बहुत बधाई। आपने ये कह डाला कि हरीश रावत ने कहा कि मेरी लाश पर उत्तराखंड बनेगा और फिर मैं उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बन गया, ये जुमला मैंने नहीं कहा, कभी नहीं कहा और जिन्होंने ये जुमला कहा वो अब आपकी पार्टी के शीर्ष नेता है, आप उनको चरण वंदना करके भाजपा में लेकर के गए, जरा ठीक से चीजों को याद करिए।

मैं प्रारंभ में उत्तराखंड के लिए एक अधिकार संपन्न स्वायत्तशासी परिषद के लिए काम कर रहा था और मैंने केंद्र सरकार को सहमत भी करवा लिया था, विरोध को देखते हुए हमने उस प्रस्ताव को छोड़ दिया और मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जी को और गृहमंत्री जी को इस बात के लिए सहमत करवाया कि उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए और यहां भी गोवा और पांडिचेरी की तर्ज पर एक अधिकार संपन्न विधानसभा हो।

रावत ने आगे लिखा कि उस समय हमारे कुछ मित्रों ने कहा कि हम तो रोटी मांग रहे हैं और हमको पांव रोटी दी जा रही है, हमें मंजूर नहीं। और जब कालांतर में राज्य आंदोलन पूरी तरीके से ठप पड़ गया तो आंदोलनकारी साथियों के ही अनुरोध पर मैंने उत्तराखंड संघर्ष समिति का नेतृत्व संभाला, और निरंतर दिल्ली में और दिल्ली से बाहर कार्यक्रमों के माध्यम से तत्कालिक केंद्र सरकार पर दबाव बनाया और उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ और उसकी भूमिका उस दिन तय हो गई जब हमने कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में राजनीतिक प्रस्तावों में छोटे राज्यों का समर्थन सम्मिलित करवाया।

रावत ने आगे कहा कि उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए एक आम राष्ट्रीय सहमति बनी और उसी सहमति के परिणाम स्वरुप केंद्र सरकार छोटे राज्यों के निर्माण का फैसला ले सकी। इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने से तथ्य नहीं बदल जाते, आप राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं भाजपा के और एक होनहार नौजवान हैं, पूरी जानकारी लेकर के ही अपनी बात को आगे रखें।

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