जय बदरी विशाल के जयकारों के बीच शीतकाल के लिए बंद हुए धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का भी समापन

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जय बदरी विशाल के जयकारों के बीच शीतकाल के लिए बंद हुए धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का भी समापन

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पंच पूजाओं के पांचवें दिन शनिवार को रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान किया था। उसके बाद उद्धव जी व कुबेर जी मंदिर प्रांगण में लाया गया और दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए।


 

बदरीनाथ (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के चारों धामों मे से एक चमोली जिले में स्थित भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया।

पंच पूजाओं के पांचवें दिन शनिवार को रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान किया था। उसके बाद उद्धव जी व कुबेर जी मंदिर प्रांगण में लाया गया और दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद कर दिए गए।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होने का आमंत्रण दिया गया था। इस दौरान मंदिर में पूजा अर्चना की गई।

शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया और आज धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

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