हरीश रावत की दिसम्बर और जनवरी की सक्रियता को देखकर चौंकिए मत!

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हरीश रावत की दिसम्बर और जनवरी की सक्रियता को देखकर चौंकिए मत!

Harish

दरअसल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को हरीश रावत का आखिरी चुनाव माना जा रहा था और कहा जा रहा था कि अब हरदा सक्रिय राजनीती से दूर रहेंगे लेकिन दिसंबर और अब जनवरी में हरीश रावत की सक्रियता राज्य के बाकी कांग्रेसी नेताओं के मुकाबले काफी अधिक देखने को मिल रही है ऐसे में चर्चाओं के बीच हरीश रावत ने खुद ही इसका जवाब देना जरुरी समझा।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मेरी दिसम्बर और जनवरी की सक्रियता को देखकर चौंकिए मत! ये कहना है उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का। दरअसल हरदा बीते कुछ हफ्तों से कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं और उत्तराखंड के हर समाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उऩकी मौजूदगी देखने को मिलती है।

दरअसल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को हरीश रावत का आखिरी चुनाव माना जा रहा था और कहा जा रहा था कि अब हरदा सक्रिय राजनीती से दूर रहेंगे लेकिन दिसंबर और अब जनवरी में हरीश रावत की सक्रियता राज्य के बाकी कांग्रेसी नेताओं के मुकाबले काफी अधिक देखने को मिल रही है ऐसे में चर्चाओं के बीच हरीश रावत ने खुद ही इसका जवाब देना जरुरी समझा।

इस विषय पर हरीश रावत अपने फेसबुक पेज पर लिखते हैं- मेरी दिसम्बर और जनवरी की सक्रियता को देखकर चौंकिए मत!  मैं अपने कुछ अंतिम परम कर्तव्यों की तरफ अपनी कर्तव्य बोधता का परिचय मात्र दे रहा हूं। अब इस श्रृंखला में जोशीमठ को लेकर मैं जितना राष्ट्रीय और स्थानीय दबाव बना सकता था वह बन चुका है। आगे कांग्रेस और करण माहरा जी, राजेंद्र भंडारी जी, पीतम सिंह जी, गणेश गोदियाल जी, मनीष खण्डूरी जी, मनोज रावत जी आदि लोग संभालेंगे। मुख्यमंत्री जी कल रात वहां रहे, कांग्रेस की सक्रियता का फलितार्थ साफ दिखाई दिया है। पक्ष और विपक्ष की समझ, जोशीमठ और जोशीमठ से आगे क्या राह बनाती है?

हरदा ने आगे कहा- अब मेरा दूसरा लक्ष्य है, गन्ना किसान विशेष तौर पर इकबालपुर चीनी मिल का भुगतान। एक दिन चीनी मिल बंद हो और किसान चौराहे पर खड़े दिखाई दें, मैं इस संभावना से आशंकित हूं! हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के लोगों ने मुझे सांसद बनाया, मेरी बेटी को भी जिताया। मैं एक बार उनके लिए अपने कर्तव्य पालन के लिए एक-दो, तीन-चार, पांच कदम उठाना चाहता हूं। मडुवा और उसके भाई-बहन सर्वस्वीकार्यता कर चुके हैं। उत्तराखंडियत का शेष हिस्सा अब मैं अपने साथ ही लेकर जाऊंगा। हां, गैरसैंण को एक बार फिर प्रणाम करूंगा और जो चाहते थे, वह नहीं कर पाया। इसलिए भराड़ीसैंण में दिनांक-26 जनवरी, 2023 को 1 घंटे का उपपास रखूंगा और उसके बाद एक-दो और मेरे कर्तव्य है, जिनका मैं पालन कैसे करूंगा उसको आपके साथ शेयर करूंगा।

हरीश रावत ने आगे कहा- भारत जोड़ो यात्रा सफलतम यात्रा सिद्ध होगी, तपस्वी के रूप में राहुल गांधी जी देश के मानस में स्थापित हो चुके हैं। अब तो समय की राह रागा-रागा कहते हुये उनके पीछे चलेगी। राह चुनौतीपूर्ण है। बोझ नहीं बल्कि भगवत आशीर्वाद के लिए आने वाले समय में प्रार्थना करता रहूंगा।

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