उत्तराखंड | पेपर लीक की पूरी कहानी, भ्रष्ट अधिकारी ने ऐसे बनाया सीक्रेट प्लॉन!

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उत्तराखंड | पेपर लीक की पूरी कहानी, भ्रष्ट अधिकारी ने ऐसे बनाया सीक्रेट प्लॉन!

Paper Leak

अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पेपर लीक करने के लिए 25 लाख रुपये एडवांस लिए और मोबाइल से पेपर के फोटो खींचकर इसे लीक कर दिया। पेपर लीक करने का ये पूरा सौदा कितने में हुआ था, एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में एक और पेपर लीक कांड से युवाओ में गुस्सा है। भ्रष्ट अफसर ने काली कमाई के लिए युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने से पहले सोचा तक नहीं। हैरानी की बात तो ये है कि जिस अधिकारी को लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल की भर्ती परीक्षा पेपर की पूरी जिम्मेदारी दी थी, उसी ने सेंधमारी कर दी।

अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पेपर लीक करने के लिए 25 लाख रुपये एडवांस लिए और मोबाइल से पेपर के फोटो खींचकर इसे लीक कर दिया। पेपर लीक करने का ये पूरा सौदा कितने में हुआ था, एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल की भर्ती परीक्षा के लिए पेपर के जितने सेट तैयार किए थे, उनका प्रभारी अतिगोपन विभाग में तैनात अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को बनाया गया था।

एसटीएफ के मुताबिक, प्रश्नपत्रों के सभी सेट अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की अभिरक्षा में रख गए थे। आठ जनवरी को परीक्षा थी। इससे पहले पांच जनवरी को ही उसने पेपर की फोटो खींचकर अपनी पत्नी रितु को उपलब्ध करा दिया था। रितु ने राजपाल और राजकुमार से एडवांस में 25 लाख रुपये लेकर उन्हें पेपर दे दिया।

एसटीएफ के मुताबिक अभी तक की जांच में सामने आया है कि संजीव और रितु ने 35 लाख में पेपर का सौदा किया था। इसके बाद अन्य आरोपियों राजपाल, संजीव कुमार और रामकुमार ने चार लाख से 12 लाख कर में अभ्यर्थियों को पेपर बांटे। एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों से कुल कितनी धनराशि प्राप्त की है, इसकी अभी जांच की जा रही है।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की भतीजी हरिद्वार के एक कॉलेज से पॉलीटेक्निक कर रही थी। इसी कॉलेज का लेक्चरर राजपाल उसे ट्यूशन पढ़ाता था। इसी दौरान संजीव और राजपाल में बातचीत शुरू हुई और बाद में दोस्ती हो गई। दोनों करीब पांच साल से दोस्त थे और एक-दूसरे के घर अक्सर आते-जाते थे।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि दोस्ती के बाद ही राजपाल ने संजीव चतुर्वेदी को इस बारे में इशारा कर दिया था। इसके बाद राजपाल ने अपने अन्य करीबियों से पेपर लीक कराने का प्लान बनाया। सबकी सहमति और रणनीति के बाद पेपर लीक कराकर अभ्यर्थियों को बांटा गया।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने आम जनता से अपील की है कि यदि इस परीक्षा की अनियमितता के संबंध में कोई जानकारी है तो खुद आकर या 9412029536 कॉल कर सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी

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