उत्तराखंड से बड़ी ख़बर | विधानसभा भर्ती घोटाले पर स्पीकर का बड़ा फैसला

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उत्तराखंड से बड़ी ख़बर | विधानसभा भर्ती घोटाले पर स्पीकर का बड़ा फैसला

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विधानसभा में सचिवालय भर्ती प्रक्रिया पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने कहा कि मैं अनियमितता (विधानसभा में सचिवालय भर्ती प्रक्रिया में) बर्दाश्त नहीं करूंगी। आज 2 फैसले लिए गए हैं। विशेष समिति का गठन किया है जो 1 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। दूसरा मौजूदा विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल 1 महीने छुट्टी पर रहेंगे।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में विधानसभा में हुए कथित भर्ती घोटाले को लेकर घमासान मचा है। भर्तियों की जांच की मांग को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार आवाज उठा रही हैं। इस बीच उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने विधानसभा में सचिवालय भर्ती प्रक्रिया में जांच के लिए विशेष समिति का गठन कर दिया है, जो एक महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

विधानसभा में सचिवालय भर्ती प्रक्रिया पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने कहा कि मैं अनियमितता (विधानसभा में सचिवालय भर्ती प्रक्रिया में) बर्दाश्त नहीं करूंगी। आज 2 फैसले लिए गए हैं। विशेष समिति का गठन किया है जो 1 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। दूसरा मौजूदा विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल 1 महीने छुट्टी पर रहेंगे।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने आगे कहा कि मौजूदा विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को जांच के लिए निर्देश मिलने पर विशेष समिति के सामने पेश होना होगा। जल्द से जल्द सदन की गरिमा को बहाल किया जाएगा।

आपको बता दें के दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी को पत्र लिखकर भर्तियों मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह का था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साथ ही अपने पत्र में इन नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने पर उन्हें रद्द करने के लिए कहा है।

नीचे पढ़िए धामी ने अपनी चिट्ठी में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को क्या लिखा था-

जैसा कि आप अवगत हैं कि सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि में विधान सभा सचिवालय में कतिपय नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप विगत कुछ दिनों से चर्चा में हैं। विधान सभा एक गरिमामय स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है और इस संस्था की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रहीं हैं।

आप भी सहमत होंगी कि विधानसभा की गरिमा, शुचिता तथा उत्तराखण्ड युवा अभ्यर्थियों की भावनाओं के दृष्टिगत निम्न बिन्दुओं पर विचार किया जाना के उचित होगा :

1. विधान सभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों, जिनके सम्बन्ध में विवाद उत्पन्न हुआ है, के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय जॉच कराया जाना एवं जाँच में कोई अनियमितता पायी जाती है तो ऐसी सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया जाना ।

2. विधान सभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्राविधान किया जाना ।

राज्य सरकार द्वारा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की गई नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपों की गहनता से जाँच कराने एवं दोषियों के विरूद्ध कठोरतम् कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में कदम उठाये जा रहे हैं। इस क्रम में मेरा आपसे अनुरोध है कि विधान सभा सचिवालय में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के दृष्टिगत कृपया उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार करने का कष्ट करेंगी।

आपको बता दें कि विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है और पूर्व में रहे स्पीकर कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल और वर्तमान में धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों की जांच की मांग कर रही है।

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