...तो मैं पूरे राज्य के लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय से भी माफी मांगूंगा: हरीश रावत

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...तो मैं पूरे राज्य के लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय से भी माफी मांगूंगा: हरीश रावत

Harish Rawat

पूर्व सीएम ने आगे कहा- यदि सरकार का आदेश था तो फिर छुट्टी हुई होगी तो उसके प्रमाण ढूंढने के लिए भाजपा के टालर्स को अपने आस-पास ही बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे और यदि ऐसा उदाहरण वो प्रस्तुत कर देंगे तो मैं पूरे राज्य के लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय से भी माफी मांगूंगा, क्योंकि उन्होंने कभी भी अपने मुख्यमंत्री से ऐसी मूर्खतापूर्ण अपेक्षा नहीं की है।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर धर्म विशेष की टोपी पहनने, शुक्रवार को नमाज के लिए छुट्टी देने के मुद्दे पर अपने दिल की बात कही है इस बार हरीश रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर के सहारे अपनी बात रखी है।

हरीश रावत ने कहा- दोस्तों मेरे द्वारा कुछ विषयों पर ट्वीट करते ही कुछ फेक आईडीज से भारतीय जनता पार्टी के टालर्स मुझ पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हैं, मुझे एक विशेष प्रकार की टोपी पहने हुए दिखाते हैं। हां टोपी एक सम्मान है, यदि कोई मुझे वह सम्मान देता है तो मैं उसको ग्रहण करता हूं और मैं भी किसी को सम्मान देता हूं तो मैं अपेक्षा करता हूं कि उसको सम्मान देगा। मगर इस तरीके की टोपी पहने हुए श्री अटल बिहारी वाजपेई जी से लेकर श्री नरेंद्र मोदी जी तक जो भाजपा नेताओं के चित्र हैं, उन पर वो चुप्पी साध जाते हैं।

हरदा ने आगे कहा- दूसरी बात वो कहते हैं कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जुम्मे की नमाज़ की छुट्टी करवाई! न यह मांग कभी किसी ने की, न यह अपेक्षा की जाती है और न कोई मुख्यमंत्री या सरकार कि हर हफ्ते एक छुट्टी घोषित कर दे, ऐसा मूर्खतापूर्ण निर्णय कर सकती है!! और मैं पूरी भाजपा को चुनौती देकर के कहना चाहता हूं कि वो एक सरकारी स्कूल, एक सरकारी कार्यालय ऐसा बता दें कि जहां जुम्मे के दिन अर्थात शुक्रवार को छुट्टी हुई हो!

पूर्व सीएम ने आगे कहा- यदि सरकार का आदेश था तो फिर छुट्टी हुई होगी तो उसके प्रमाण ढूंढने के लिए भाजपा के टालर्स को अपने आस-पास ही बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे और यदि ऐसा उदाहरण वो प्रस्तुत कर देंगे तो मैं पूरे राज्य के लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय से भी माफी मांगूंगा, क्योंकि उन्होंने कभी भी अपने मुख्यमंत्री से ऐसी मूर्खतापूर्ण अपेक्षा नहीं की है।

पूर्व सीएम हरदा ने कहा कि और दूसरी मूर्खतापूर्ण अपेक्षा मुस्लिम समुदाय ने कभी अपने मुख्यमंत्री से मुस्लिम विश्वविद्यालय या मुस्लिम डिग्री कॉलेज खोलने की भी कभी मांग नहीं की, यह दोनों झूठ भाजपा के लैबोरेट्री में जन्मे, वहीं पनपे और उस झूठ को माननीय प्रधानमंत्री जी से लेकर केंद्रीय मंत्रीगणों, के मुख्यमंत्री गणों, राज्य के मुख्यमंत्री आदि सबने दोहराया और चुनावी फसल काटी और मैं आज भी चुनौती देकर के कह रहा हूं कि मेरा एक भी ऐसा बयान किसी अखबार में साया हुआ होगा, वो अखबार कहीं तो होंगे जिसमें मैंने यह बयान दिया है या कहीं तो वो चैनल होंगे, जिन चैनलों पर मैंने यह बात कही है कि हमारी सरकार आएगी तो हम मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेंगे उसको प्रस्तुत करें, मैंने तो 5,00,000 रूपये का इनाम घोषित कर रखा है।

अपनी बात समाप्त करते हुए हरीश रावत ने आखिर में कहा-कायर झूठ का सहारा लेते हैं और भाजपा कायर है। इसीलिए मेरे उठाए गए सवालों को तर्कों पर काटने के बजाय झूठ से काटने का कुप्रयास करती है।

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