उत्तराखंड | धामी सरकार ने पलट दिया फैसला, कांग्रेस सरकार के इस फैसले को अब भूल जाइए
समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने से अशासकीय स्कूलों में न्यायिक वादों में वृद्धि हो सकती है। यदि कोई प्रबंध समिति अच्छा काम करेगी और लोकप्रिय होगी तो वह दूसरे कार्यकाल के लिए चुनकर आ सकती है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) धामी सरकार ने अशासकीय स्कूलों की प्रबंध समिति के कार्यकाल को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसले को पलट दिया। मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि इन स्कूलों की प्रबंध समिति का कार्यकाल अब तीन साल का होगा।
कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया है कि 16 जुलाई 2016 एवं 13 दिसंबर 2016 को प्रबंधन समिति का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया। तत्कालीन मंत्रिमंडल ने बिना विभागीय प्रस्ताव के स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रबंध समिति के कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय लिया जबकि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम 2006 में अशासकीय स्कूलों की प्रबंध समिति के कार्यकाल के संबंध में तीन साल के कार्यकाल की व्यवस्था है।
समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने से अशासकीय स्कूलों में न्यायिक वादों में वृद्धि हो सकती है। यदि कोई प्रबंध समिति अच्छा काम करेगी और लोकप्रिय होगी तो वह दूसरे कार्यकाल के लिए चुनकर आ सकती है।
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