सांसदों की फ्री रेल यात्रा से 5 साल में बना 62 करोड़ का भारी भरकम बिल, क्लिक कर जानिए
आपको बता दें कि रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी है, जिससे कुछ तबकों में नाराजगी है। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने के कदम की भी आलोचना हुई है।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) क्या आपको पता है कि लोकसभा के मौजूदा और पूर्व सदस्यों को ट्रेनों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाती है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए कई सासंदों ने फ्री में रेलवे के सफर का आनंद लिया।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ट्रेनों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा से बीते पांच साल में सरकारी खजाने पर 62 करोड़ रुपये का भार पड़ा है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान साल 2020-21 में करीब 2.5 करोड़ रुपये इस तरह की यात्राओं पर खर्च हुए हैं।
मौजूदा सांसद रेलवे की प्रथम श्रेणी की एयर-कंडिशंड श्रेणी या एग्जिक्यूटिव श्रेणी की नि:शुल्क यात्रा की पात्रता रखते हैं, उनके जीवनसाथी भी कुछ शर्तों के साथ मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। पूर्व सांसद भी अपने किसी साथी के साथ एसी-2 टियर में या अकेले एसी-1 टियर में नि:शुल्क यात्रा करने की पात्रता रखते हैं।
मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने इस बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया कि उसे 2017-18 और 2021-22 में वर्तमान सांसदों की यात्रा के बदले में रेलवे की ओर से 35.21 करोड़ रुपये का बिल मिला वहीं पूर्व सांसदों की यात्रा के लिए 26.82 करोड़ रुपये का बिल मिला है।
आरटीआई जवाब में कहा गया कि सांसदों और पूर्व सांसदों ने महामारी के प्रकोप वाले वर्ष 2020-21 में रेलवे के पास का भी उपयोग किया, उनका बिल क्रमश: 1.29 करोड़ रुपये और 1.18 करोड़ रुपये था।
आपको बता दें कि रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी है, जिससे कुछ तबकों में नाराजगी है। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने के कदम की भी आलोचना हुई है।
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