क्या कोरोना की तीसरी लहर के खतरे में हैं बच्चे ? नजरअंदाज न करें ये लक्षण

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क्या कोरोना की तीसरी लहर के खतरे में हैं बच्चे ? नजरअंदाज न करें ये लक्षण

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देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 4 लाख 14 हजार 443 नए मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में 3,920 लोगों की कोरोना से जान गई है।


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 4 लाख 14 हजार 443 नए मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में 3,920 लोगों की कोरोना से जान गई है।

कोरोना के नए-नए वैरिएंट्स की वजह से अब इसकी तीसरी लहर की बात होने लगी है। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन के साथ तमाम एक्‍सपर्ट्स इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन जो बात चिंता बढ़ा रही है वह यह है कि कहा जा रहा है कि तीसरी लहर से बच्‍चों को ज्‍यादा खतरा हो सकता है। वायरोलॉजिस्‍ट और कोविड एक्सपर्ट कमेटी, कर्नाटक के मेंबर डॉ. वी रवि सहित तमाम जानकारों ने आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्‍चों को ज्‍यादा खतरा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि जब तक देश में तीसरी लहर दस्‍तक दे, तब तक ज्‍यादातर वयस्‍कों को कोरोना का कम से कम एक टीका लग चुका हो। डॉ वी रवि ने कहा कि यह केंद्र और राज्‍य सरकारों के लिए मजबूत रणनीति बनाने का समय है। अक्‍टूबर और दिसंबर के बीच उन्‍हें स्थितियों को संभालने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी।

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक 10 वर्ष तक के 1,45,930 बच्चे वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में हर दिन करीब 300 से 500 बच्चे बीमार हो रहे हैं। राज्य में 11 से 20 साल के 3,29,709 बच्चे और युवा अब तक वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

बच्चों में क्या है लक्षण ?

हल्का बुखार, खांसी, जुकाम और पेट से संबंधित समस्याएं होने पर सतर्क हो जाएं। कुछ को शरीर में दर्द, सिरदर्द, दस्त और उल्टी की भी शिकायत है। गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता का कहना है कि ऐसे भी कुछ मामले हैं, जिनमें निमोनिया भी देखा गया है। कुछ बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) जैसी अधिक गंभीर जटिलताएं भी देखने को मिल रही हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक माता-पिता को बच्चों में संभावित डायरिया, सांस लेने में समस्या और सुस्ती जैसे लक्षणों पर ध्यान रखना चाहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार खासकर बुखार के साथ इस तरह के लक्षणों पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बच्चों में ऐसी समस्याओं को पहचानने में माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए। बिना डॉक्टर के सलाह कोई दवा जैसे एंटी वायरल ड्रग्स, स्टेरायड्स, एंटीबायोटिक आदि न दें।

ध्यान में रखें ये बातें-

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बच्चों को भी मास्क पहनाएं। उन्हें खेलने के लिए घर से बाहर ना निकलने दें। बच्चों के साथ किसी भी सार्वजनिक स्थानों, फंक्शन या अन्य आयोजन में जानें से बचें। इन जगहों पर संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है। घर में यदि किसी मेंबर को कोरोना हो गया है तो बच्चों को उनसे बिल्कुल दूर रखें। नवजात या बच्चे में कोरोना से जुड़े कोई भी लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। घर पर बना हुआ खाना बच्चों को खिलाएं। इसके साथ ही फलों और सब्जियों का सेवन अधिक कराएं। बाहर के खाने से बच्चों को दूर रखें। नानावटी हॉस्पिटल के सीनियर पीडिएट्रिक्स डॉ. रवि मलिक के अनुसार बच्चों को इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टी विटामिन दे सकते हैं। लेकिन कोई कोई विटामिन ज्यादा देने से बचे।

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