हरीश रावत बोले- राजनीतिक दृष्टिकोण से मत देखिए लेकिन पगला गई हैं धामी और मोदी सरकार
हरदा ने कहा कि केदारनाथ में हुये पुननिर्माण के कार्यों में श्रेय बांटने के चक्कर में केंद्र और राज्य सरकार कुछ पगला गई है! केदार का अर्थ है जल कुंभ, केदार की जो भू-रचना है, वह इस बात की इजाजत नहीं देती कि वहां बहुत भारी भरकम निर्माण कार्य करवाए जाएं!
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से राज्य की धामी सरकार औऱ केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है। हरीश रावत ने इस बार केदारनाथ धाम में हुए पुर्ननिर्माण कार्यों के बहाने दोनों सरकारों पर निशाना साधा है।
हरदा ने कहा कि केदारनाथ में हुये पुननिर्माण के कार्यों में श्रेय बांटने के चक्कर में केंद्र और राज्य सरकार कुछ पगला गई है! केदार का अर्थ है जल कुंभ, केदार की जो भू-रचना है, वह इस बात की इजाजत नहीं देती कि वहां बहुत भारी भरकम निर्माण कार्य करवाए जाएं!
हरदा ने आगे कहा कि मुझे आदरणीय तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि उनको तीन और चार मंजिला घर बना कर दिए जा रहे है जबकि वहां हल्के मैटेरियल से ज्यादा से ज्यादा दो मंजिले घर बनने चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मानवता की धरोहर का संरक्षण उत्तराखंड को करना है। मैं जो कुछ कह रहा हूं उसको राजनीति के दृष्टिकोण से न देखिये! उत्तराखंड और मानव संस्कृति की दृष्टिकोण से देखिए और उस पर विचार कीजिये।
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