नक्सली हमले में जवान शहीद, डेढ़ साल पहले हुई शादी और 1 साल का बच्चा, मचा कोहराम
शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा ज़िले की सीमा पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला कर दिया। इस मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए हैं।
गरियाबंद (उत्तराखंड पोस्ट) शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा ज़िले की सीमा पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला कर दिया। इस मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए हैं।
3 अप्रैल को मौके से एक जवान का शव बरामद किया गया था। 21 जवान लापता थे। 4 अप्रैल को सर्च ऑपरेशन के दौरान 22 और जवानों के शव बरामद किए गए। अभी भी एक जवान गायब है जिसकी तलाश जारी है। इस मुठभेड़ में 31 जवान ज़ख्मी भी हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। इनमें कोबरा बटालियन, DRG, STF और एक बस्तरिया बटालियन के जवान शामिल है।
हमले के बाद शहीदों के परिवारों में कोहराम मच गया है। गरियाबंद जिले के मौहदा गांव के रहने वाले एसटीएफ जवान सुखराम फरस भी इस हमले में शहीद हुए हैं। रविवार को जिले के अधिकारी उनके घर तक शहादत की खबर देने पहुंचे थे। उसके बाद घर में मातम पसर गया।
सुखराम फरस तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनकी डेढ़ साल पहले ही शादी हुई है। अभी एक साल का बच्चा है। पति की शहादत की खबर मिलते ही पत्नी की दुनिया उजड़ गयी। वह दहाड़ मारकर रोने लगी। घर की महिलाएं उन्हें सांत्वना दे रही थीं, वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी बस अपने एक साल के मासूम बेटे को गोद में लेकर रोए जा रही थी।
बेटे की शहादत की खबर सुन सुखराम फरस के पिता मौन बैठे थे। वह भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे। सुन आंगन के बीचोबीच कुर्सी लगाकर चुपचाप बैठे थे। गांव के लोग सांत्वाना देने के लिए वहां पहुंच रहे थे। आंगन में बैठे पिता सब कुछ देख रहे थे, मगर कुछ बोल नहीं रहे थे। वहीं, शहीद की मां भी एक कमरे में चुपचाप बैठी थी।
शहीद के छोटे भाई तुकाराम ने कहा कि भाई देश के लिए शहीद हुआ है। हमें उसकी शहादत पर गर्व है। यह जिले और गांव के लिए सम्मान की बात है। अब गांव के लोगों को शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार है। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार शाम तक पार्थिव शरीर पहुंचेगा।
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