यहां इसलिए गिराया गया स्कूल, छात्रों ने पढ़ने से कर दिया था इनकार

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यहां इसलिए गिराया गया स्कूल, छात्रों ने पढ़ने से कर दिया था इनकार

School Balasore

यह स्कूल बालासोर जिले के बहनागा गांव में है। स्कूल में शवों को रखे जाने से छात्रों ने यहां आने से इनकार कर दिया है, इसके बाद शुक्रवार को ओडिशा सरकार ने ऐलान किया कि बहनागा स्कूल को तोड़कर दोबारा बनाया जाएगा।


 

बालासोर, ओडिशा (उत्तराखंड पोस्ट) ओडिशा में दो जून को हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के शवों को बालासोर के एक स्कूल में रखा गया है लेकिन स्कूल को अस्थाई मुर्दाघर बनाए जाने से छात्र और उनके परिजन नाराज हैं। आलम ये है कि छात्र अब इस स्कूल में आने से कतरा रहे हैं, ऐसे में सरकार ने स्कूल को ढहाने का फैसला किया है।

यह स्कूल बालासोर जिले के बहनागा गांव में है। स्कूल में शवों को रखे जाने से छात्रों ने यहां आने से इनकार कर दिया है, इसके बाद शुक्रवार को ओडिशा सरकार ने ऐलान किया कि बहनागा स्कूल को तोड़कर दोबारा बनाया जाएगा।

दरअसल स्थानीय छात्रों ने डर की वजह से इस स्कूल में पढ़ने से इनकार कर दिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुर्दाघर के तौर पर इस्तेमाल में लाए जा रही स्कूल की इमारत को ढहाकर नई इमारत बनाने के निर्देश दिए हैं।

बहनागा स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चे डरे हुए हैं। स्कूल ने बच्चों के मन से डर को निकालने के लिए 'आध्यात्मिक कार्यक्रम' आयोजित करने और अनुष्ठान कराने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के कुछ सीनियर छात्र और एनसीसी कैडेट भी बचाव कार्य में शामिल हुए थे।

स्कूल समिति के एक सदस्य का कहना है कि बच्चों ने टीवी पर वह दृश्य देखा, जिसमें स्कूल की बिल्डिंग में रखे शवों को दिखाया गया था, इसके बाद अब बच्चे 16 जून से शुरू होने वाले स्कूल में आने से घबरा रहे हैं। उनके लिए यह भूलना मुश्किल है कि स्कूल की इमारत में इतने सारे शव रखे हुए थे।

इस संबंध में ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना और मुख्यमंत्री के सचिव पीके पांडियान की स्थानीय प्रशासन और स्कूल प्रशासन के साथ मीटिंग हुई। इस दौरान स्कूल के टीचर्स भी मौजूद रहे। बालासोर के कलेक्टर शिंदे दत्तात्रेय ने कहा कि पूरे स्कूल को ढहाया नहीं जाएगा बल्कि स्कूल के एक अस्थाई हिस्से को ही ढहाया जाएगा, इस हिस्से का इस्तेमाल डाइनिंग हॉल के तौर पर किया जा रहा था।

ओडिशा के बालासोर में कैसे हुआ हादसा?

रेलवे की तरफ से बताया गया कि ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए। दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है। ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी। बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।

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