हरिद्वार कुंभ को 'सुपर स्प्रेडर' कहना अनुचित, वरिष्ठ अधिकारी ने बताए आंकड़े

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हरिद्वार कुंभ को 'सुपर स्प्रेडर' कहना अनुचित, वरिष्ठ अधिकारी ने बताए आंकड़े

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कोरोना काल में कुंभ के आयोजन को लेकर कई सवाल खड़े हुए है। अब कुंभ मेले के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कुंभ मेले के आयोजन से कोविड संक्रमण तेजी से फैलने की बात कहना अनुचित है क्योंकि एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने का ही पता चला, जबकि मेला में तैनात केवल 0.5 फीसदी पुलिसकर्मी संक्रमित हुए।


हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) कोरोना काल में कुंभ के आयोजन को लेकर कई सवाल खड़े हुए है। अब कुंभ मेले के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कुंभ मेले के आयोजन से कोविड संक्रमण तेजी से फैलने की बात कहना अनुचित है क्योंकि एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने का ही पता चला, जबकि मेला में तैनात केवल 0.5 फीसदी पुलिसकर्मी संक्रमित हुए।

मेला के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा कि मेला औपचारिक रूप से एक अप्रैल को शुरू हुआ जब तक कोविड की दूसरी लहर पहले ही महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चलने लगी थी। गुंज्याल ने कहा, ‘‘अगर हम हरिद्वार जिले के एक जनवरी से 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने तक के आंकड़ों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करें तो कुंभ को महामारी का सुपर-स्प्रेडर बताने की धारणा अनुचित लगती है।''

गुंज्याल कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में संपूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त के प्रभारी थे. उन्होंने कहा कि जिले में एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख आरटी-पीसीआर जांच की गयीं थीं जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला में तैनात 16,000 से अधिक पुलिस कर्मियों में से केवल 88 ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाये गये।

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