उत्तराखंड | न्याय के देवता के दरबार में हर अर्जी होती है स्वीकार, जय गोलू देवता

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उत्तराखंड | न्याय के देवता के दरबार में हर अर्जी होती है स्वीकार, जय गोलू देवता

Golu

आपको जानकर हैरानी होगी पर ये सच है कि ये एक ऐसे देवता हैं जिनके यहां एक क़िस्म का पूरा कार्यालय चल रहा है- दरख़्वास्त, अर्ज़ी, स्टैम्प पेपर वगैरह-वगैरह। आम लोग ही नहीं बड़े-बड़े नेता और अभिनेता भी अनी फरियाद लेकर गोलू देवता की शरण में आते हैं।


 

अल्मोड़ा (उत्तराखंड पोस्ट) जब किसी के साथ अन्याय हो तो न्याय की आखिरी उम्मीद अदालत ही नजर आती है लेकिन क्या हो जब कोर्ट से भी आपको न्याय न मिले ? न्याय की आस जब धुंधली पड़ जाए और मन दुखी हो तो एक दरबार ऐसा भी है जहां अगर आपने अर्जी लगाई तो आपको न्याय जरुर मिलता है।

जी हां, देवभूमि उत्तराखंड में अल्मोड़ा से लगभग 8 किमी दूर स्थित, चिताई गोलू उत्तराखंड में एक प्रसिद्ध मंदिर है। गोलू जी देवता का मंदिर। गोलू जी को न्याय का देवता माना जाता है और यह एक आम धारणा है कि जब कोई व्यक्ति उत्तराखंड में गोली देवता के किसी मंदिर में पूजा करता है और अपनी अर्जी लगाता है तो गोलू देवता उसे निराश नहीं करते और न्याय प्रदान करते। गोलू देवता, जिन्हें पहाड़ में गोल्जयू भी कहा जाता है अपने भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं।

जिसे कहीं कोई न्याय नहीं मिलता और जो नाउम्मीद हो चुका होता है, न्यायालय से, विभागों से, सरकारी तंत्र से वह यहां आकर न्याय की गुहार करता है।

आपको जानकर हैरानी होगी पर ये सच है कि ये एक ऐसे देवता हैं जिनके यहां एक क़िस्म का पूरा कार्यालय चल रहा है- दरख़्वास्त, अर्ज़ी, स्टैम्प पेपर वगैरह-वगैरह। आम लोग ही नहीं बड़े-बड़े नेता और अभिनेता भी अनी फरियाद लेकर गोलू देवता की शरण में आते हैं।

वीडियो में देख सकते हैं यहां लाखों- करोड़ों लोगों की अर्जियां लगी हुई हैं। लोग मंदिर में आकर 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखित में अपनी-अपनी अपील करते हैं और जब उनकी अपील पर सुनवाई हो जाती है तो वे फीस के तौर पर यहां आकर घंटियां और घंटे बांधते हैं। मंदिर में लाखों की संख्या में बंधी ये घंटियां गवाह हैं कि गोलू देवता से न्याय मिलने के बाद लोगों ने श्रद्धापूर्वक यहां घंटियां चढ़ाई हैं।

गोलू देवता के प्रति लोगों की आस्था मंदिर में बंधीं ये घंटियां ही बयां करती हैं। कई टनों में मंदिर के हर कोने-कोने में दिखने वाले इन घंटे-घंटियों की संख्या कितनी है, ये आज तक मन्दिर के लोग भी नहीं जान पाए। आम लोगों में इसे घंटियों वाला मन्दिर भी पुकारा जाता है, जहां कदम रखते ही घंटियों की कतार शुरू हो जाती हैं।

तो अगर आप भी हताश और निराश हैं तो चिंता छोड़ कर एक बार गोलू देवता के मंदिर में अपनी अर्जी जरुर लगा आइए, यकीन मानिए गोलू देवता आपकी अर्जी जरुर स्वीकार करेंगे। जय गोलू देवता।

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